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Rabindranath Tagore’s ancestral home vandalised: बांग्लादेश में गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर के पैतृक मकान में तोड़फोड़, देखिए Video

Rabindranath Tagore’s ancestral home vandalised: गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर के पैतृक मकान को बांग्लादेश सरकार ने हेरिटेज स्थल घोषित किया है। यहां तमाम लोग इस प्राचीन घर को देखने आते हैं। जिसके लिए टिकट लेना होता है। खास बात ये भी है कि बांग्लादेश का राष्ट्रगान “आमार शोनार बांग्ला आमी तोमाय भालोबाशी” भी गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर का लिखा हुआ है। इसके बावजूद उपद्रवियों ने उनके पैतृक मकान में तोड़फोड़ करने में जरा भी संकोच नहीं किया।

नई दिल्ली। बांग्लादेश में शेख हसीना सरकार के पतन के बाद कट्टरपंथियों और भारत विरोधी तत्वों की पौ बारह है। ऐसे ही कट्टरपंथियों और भारत विरोधी तत्वों ने बुधवार को बांग्लादेश के सिराजगंज स्थित शहजादपुर में गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर के पैतृक मकान में तोड़फोड़ की। गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर के पूर्वज बांग्लादेश में रहते थे। उन्होंने सिराजगंज के शहजादपुर में काछारी बाड़ी (कचहरी मकान) बनवाया था। खबर के मुताबिक कुछ लोग बाइक से गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर के पैतृक मकान पहुंचे थे। यहां बाइक रखने के शुल्क को लेकर विवाद हुआ। जिसके बाद भीड़ मौके पर पहुंची और तोड़फोड़ शुरू कर दी।

गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर के पैतृक मकान को बांग्लादेश सरकार ने हेरिटेज स्थल घोषित किया है। यहां तमाम लोग इस प्राचीन घर को देखने आते हैं। जिसके लिए टिकट लेना होता है। खास बात ये भी है कि बांग्लादेश का राष्ट्रगान “आमार शोनार बांग्ला आमी तोमाय भालोबाशी” भी गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर का लिखा हुआ है। इसके बावजूद उपद्रवियों ने उनके पैतृक मकान में तोड़फोड़ करने में जरा भी संकोच नहीं किया। बांग्लादेश में कानून और व्यवस्था की हालत दिन पर दिन खराब होती जा रही है। मोहम्मद यूनुस लंदन में बैठकर ये कहते हैं कि हम भारत से रिश्ते सुधारना चाहते हैं, लेकिन वो अपने देश में भारत विरोधी और कट्टरपंथी तत्वों की नकेल कसने में पूरी तरह नाकाम साबित हो रहे हैं।

बांग्लादेश की पीएम रहीं शेख हसीना 5 अगस्त 2024 को जान बचाकर भारत आ गई थीं। उसके बाद वहां अंतरिम सरकार बनी। जिसके मुखिया के तौर पर मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस को रखा गया। बांग्लादेश में शेख हसीना की सरकार के पतन के साथ ही वहां अल्पसंख्यक हिंदुओं पर जमकर अत्याचार हुआ। हिंदुओं की हत्या भी की गई। बांग्लादेश की अंतरिम सरकार कहती है कि इन घटनाओं के पीछे राजनीतिक कारण हैं, लेकिन बड़े पैमाने पर हुई हिंसा की घटनाओं से साफ है कि बांग्लादेश में अराजक और भारत विरोधी तत्व फिर सक्रिय हुए हैं। बीते दिनों ही बांग्लादेश सुप्रीम कोर्ट ने कट्टरपंथी जमात-ए-इस्लामी पर चुनाव लड़ने का लगा बैन भी खत्म कर दिया।