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Mainpuri: टीले की खुदाई के दौरान मिले प्राचीन समय के लड़ाकू अस्त्र, 3800 साल से ज्यादा पुरानी हैं ताम्र निधियां

Mainpuri: दरअसल आगरा सर्किल टीम गणेशपुर में टीले का निरीक्षण करने पहुंची थी। जहां टीले को समतल करने का काम होना था। इसी दौरान प्रशासन को  39 से ज्यादा ताम्र निधियां मिली। प्रशासन ने सभी ताम्र निधियों को पुरातत्व विभाग को सौंप दिया है।

नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश के मैनपुरी जिले में खुदाई के दौरान 3800 साल से ज्यादा पुरानी ताम्र निधियां मिली हैं जिसमें भाला, कांता, त्रिशूल और कई तरह के अस्त्र शामिल हैं। ये सभी अस्त्र महाभारत काल यानी भगवान कृष्ण के काल के बताए जा रहे हैं। सभी अस्त्रों पर जंग लगी हुई है लेकिन इन अस्त्रों को देखकर पुरातत्व विभाग वालों की एक्साइटमेंट काफी बढ़ गई है। भारी मात्रा में अस्त्र मिलने की सूचना मिलने पर ही मौके पर एसडीएम पहुंचे और जगह को सील कर दिया। ताम्रनिधि  मिलने से गांव के लोग भी काफी हैरान और उत्सुक हैं।

39 से ज्यादा मिली ताम्र निधियां

दरअसल आगरा सर्किल टीम गणेशपुर में टीले का निरीक्षण करने पहुंची थी। जहां टीले को समतल करने का काम होना था। इसी दौरान प्रशासन को  39 से ज्यादा ताम्र निधियां मिली। प्रशासन ने सभी ताम्र निधियों को पुरातत्व विभाग को सौंप दिया है।सभी ताम्र निधियों की जांच हो रही है। बता दें कि ये सारा पुराना खजाना गणेशपुर निवासी बहादुर सिंह फौजी मलावन रजवाहा के खेत के टीले में मिला है। टीले को समतल तक बराबर करने का काम किया जा रहा था। तभी उसके अंदर से पुराने और प्राचीन तांबे के 39 से ज्यादा अस्त्र मिले।

ग्रामीणों में दिखी उत्सुकता

जैसे ही गांव में प्राचीन हथियार मिलने की खबर फैली तो हथियारों की एक झलक देखने के लिए ग्रामीणों का जमावड़ा लग गया। ग्रामीण हथियारों की एक झलक देखने के लिए काफी उत्सुक नजर आए। बता दें कि इससे पहले गंगा बेल्ट में 1822 में कानपुर के बिठूर गांव में बड़ी संख्या में अस्त्र मिले थे। बता दें कि गंगा और यमुना के बीच बसे शहरों में अक्सर ताम्र निधियां मिलती रही हैं। ये पहली बार नहीं है। मैनपुरी, आगरा, कानपुर, एटा में कई बार ताम्र निधियां मिल चुकी हैं। पुरातत्व के लिहाज से इन सभी शहरों को प्राचीन चीजों का गढ़ माना जाता है।