बारासात। पीएम नरेंद्र मोदी आज पश्चिम बंगाल के दौरे पर थे। कोलकाता में अंडरवाटर मेट्रो समेत कई प्रोजेक्ट को उन्होंने हरी झंडी दिखाई। इसके बाद मोदी कोलकाता के पास उत्तर 24 परगना के बारासात पहुंचे। यहां मोदी ने एक जनसभा में संदेशखाली के मसले को उठाकर पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार को जमकर घेरा। इस दौरान मोदी ने अपनी जिंदगी से जुड़ी एक जानकारी भी लोगों से साझा की। पहली बार पीएम मोदी ने बताया कि आखिर वो सारे देशवासियों को अपने परिवार का हिस्सा क्यों मानते हैं।
पीएम मोदी ने जनसभा में कहा कि कुछ लोगों को लगता होगा कि किसी नेता ने गाली दी और इसलिए मैं सबको मेरा परिवार कह रहा हूं, लेकिन इसकी सच्चाई बतानी है। मोदी ने बताया कि बहुत कम उम्र में वो घर छोड़कर निकल पड़े थे। मोदी ने बताया कि उस वक्त उनके पास एक झोला ही था। पीएम ने जनसभा में लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि वो देश के कोने-कोने में भटके। उनकी जेब में उस वक्त पैसा भी नहीं होता था। मोदी ने कहा कि उनको भाषा भी कई जगह समझ नहीं आती थी। उन्होंने बताया कि कोई न कोई परिवार, कोई माता-पिता और कोई बहन उनसे पूछ लेते थे कि भोजन किया या नहीं। मोदी ने कहा कि वो कई साल तक कंधे पर झोला लेकर इसी तरह घूमते रहे, लेकिन एक दिन भी भूखे नहीं रहे।
#WATCH प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, “मैं बहुत छोटी आयु में घर छोड़कर, एक झोला लेकर चल पड़ा था। देश के कोने-कोने में भटक रहा था, कुछ खोज रहा था। मेरी जेब में कभी एक पैसा नहीं रहता था। लेकिन देशवासियों को जानकर गर्व होगा कि मेरा देश, मेरे देश की माताएं बहनें और मेरे देश का… https://t.co/aUFLy8crTi pic.twitter.com/E475QDukgO
— ANI_HindiNews (@AHindinews) March 6, 2024
मोदी ने कहा कि इसी वजह से वो देशवासियों को अपना परिवार बताते हैं। उन्होंने कहा कि जब मेरी कोई जान-पहचान नहीं थी। कंधे पर झोला लेकर भटकता हुआ नौजवान था, तो गरीब से गरीब परिवार ने भी मेरी चिंता की। मोदी ने कहा कि मैंने देश में परिवार का भाव महसूस किया है। जब मैं गरीब माताओं-बहनों के लिए जी-जान लगाकर कुछ करने में लगा हूं, तो आज मैं उसका कर्ज चुका रहा हूं।