भीलवाड़ा। रामचरितमानस पर उठा विवाद थमता नजर नहीं आ रहा है। अब प्रख्यात संत जगद्गुरु श्रीश्री 1008 रामदयाल महाराज ने इस मामले में सड़क से कोर्ट तक लड़ाई लड़ने का एलान कर दिया है। रामसनेही संप्रदाय के प्रमुख रामदयाल महाराज ने हिंदू धर्म और संस्कृति के बारे में आए दिन विवाद खड़ा किए जाने पर घोर आपत्ति और नाराजगी जताई है। राजस्थान के भीलवाड़ा में जगद्गुरु रामदयाल महाराज ने कहा कि रामचरितमानस सनातन धर्म का पवित्र ग्रंथ है। भगवान राम करोड़ों लोगों के आराध्य हैं। उन्होंने कहा कि राजनीति करने वाले भूल जाते हैं कि नीति, धर्म, संत और संस्कृति को अलग रखकर राज नहीं किया जा सकता।
जगद्गुरु रामदयाल महाराज ने रामचरितमानस के बारे में अनाप-शनाप बातें कहने वालों की गिरफ्तारी की मांग भी की है। उन्होंने कहा कि इतिहास बताता है कि जिसने भी भगवान राम, हिंदू धर्म, राष्ट्र और संस्कृति के खिलाफ आवाज उठाई, उनको इसका फल भुगतना पड़ा है। न समाज उनको माफ करेगा और न ही लोकतंत्र से ही ऐसे लोगों को माफी मिलेगी। उन्होंने कहा कि धार्मिक ग्रंथ पर गलत बयान देने वालों पर सख्त कार्रवाई कर उन्हें गिरफ्तार करना चाहिए।
जगद्गुरु रामदयाल महाराज ने बताया कि संत समाज रामचरितमानस मामले में गलतबयानी करने वालों की बातों का अध्ययन कर रहा है। रणनीति बनाई जाएगी। संत क्रांति का बिगुल बजाएंगे। उन्होंने कहा कि सनातन धर्म ग्रंथों का अपमान करने वालों के खिलाफ सड़क से कोर्ट तक जंग लड़ने की तैयारी है। बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का भी जगद्गुरु ने समर्थन किया। उन्होंने कहा कि धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के खिलाफ बड़े स्तर पर साजिश रची गई है। वो खुद इसके खिलाफ जनमानस को जागृत करने का काम कर रहे हैं। जगद्गुरु के इस बयान से साफ है कि आने वाले वक्त में संत-महात्मा सड़क पर उतरने की तैयारी कर रहे हैं। ऐसे में रामचरितमानस का विवाद और बड़ा रूप ले सकता है।