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Rajasthan: 300 साल पुराने शिव मंदिर के तोड़े जाने से खफा साधु-संतों ने निकाली आक्रोश रैली, CM गहलोत से की इस्तीफे की मांग

Rajasthan: इस आक्रोश रैली में आम लोगों के साथ-साथ भारी संख्या साधु-संत भी शामिल हुए थे। जिसमें बीजेपी सांसद बालक नाथ भी शामिल थे और उन्होंने सीएम गहलोत के खिलाफ मोर्चा खोलने में कसर नहीं छोड़ी थी। इस रैली में कई हिंदू संगठन भी शामिल हुए थे।

नई दिल्ली। 22 अप्रैल…यह तारीख…नहीं भुलाई जा सकती…कतई नहीं भुलाई जा सकती है और भूलना भी नहीं चाहिए और भूलने वालों को बख्शना भी नहीं चाहिए। अगर किसी ने भी जुर्रत या जहमत की इस तारीख को भुलाने की तो उसे कड़ा सबक सिखाए जाने से गुरेज नहीं करना चाहिए। क्या हो गया। क्या सोच रहे हैं आप। यही न कि आखिर इस 22 अप्रैल को ऐसा क्या हो गया था कि आप ऐसी रोषयुक्त भूमिका रचा रहे हैं। भूल गए क्या आप। 22 तारीख को ही तो राजस्थान की गहलोत सरकार ने अपने निर्धारित सीमाओं का अतिक्रमण करते हुए 300 वर्ष पुराने शिव मंदिर को अतिक्रमण के नाम पर ध्वस्त करवाया था।  फिर क्या था। जमकर बवाल हुआ। सियासी गलियारों में लोगों ने गहलोत की जमकर क्लास लगा डाली। जब चौतरफा चले तीर से गहलोत बाबू घायल हो गए तो तपाक से बोले  कि घबराए हम दूसरा मंदिर बनवा देंगे, लेकिन अब जिन लोगों की भावनाएं आहत हुई हैं। उनका क्या। वे तो अड़े पड़े कि गहलोत सरकार को अपनी इस कुकृत्य को लेकर इस्तीफा दे देना चाहिए।

जी बिल्कुल…सही पढ़े हैं आप….अगर नहीं हो रहा विश्वास…तो एक बार और पढ़ लीजिए….हम फिर से रिमाइंड करवा देते हैं कि 300 वर्ष पुराने शिव मंदिर तोड़े जाने से आहत हुए लोग अब गहलोत सरकार से इस्तीफा मांग रहे हैं। बता दें कि मंदिर तोड़े जाने से खफा हुए लोग आज आक्रोश रैली निकालकर डीएम ऑफिस पहुंचें। आक्रोश रैली में शामिल प्रत्येक लोगों के चेहरे पर रोष साफ झलक रहा था। इतना ही नहीं, रैली में शामिल लोगों के चेहरे में रोष के साथ-साथ प्रतिशोध की भावना भी झलक रही थी। उनके अल्फाज यह बयां के लिए काफी थे कि वे मंदिर तोड़े जाने से खफा हुए हैं। लिहाजा आक्रोश रैली में पहुंचे लोगों ने तपाक से सीएम अशोक गहलोत से इस्तीफे की मांग कर दी। उन्होंने यह कहने से तनिक भी गुरेज नहीं किया कि अब अशोक गहलोत को अपने पद पर विराजमान रहने का कोई अधिकार नहीं है। रैली में शामिल लोगों ने कहा कि गहलोत सरकार अपनी सत्ता बचाने हेतु तुष्टिकरण की राजनीति कर रही है। लिहाजा हमारी मांग है कि पहले गहलोत को इस्तीफा  देना चाहिए और दूसरा मंदिर का निर्माण किया जाना चाहिए।

Hindu organizations took out protest march against temple demolition in Rajasthan Alwar - राजस्थान के अलवर में मंदिर विध्वंस के विरोध में हिंदू महासंगठनों ने निकाला विरोध मार्च

बता दें कि इस आक्रोश रैली में आम लोगों के साथ-साथ भारी संख्या में साधु-संत भी शामिल हुए थे। जिसमें बीजेपी सांसद बालक नाथ भी शामिल थे और उन्होंने सीएम गहलोत के खिलाफ मोर्चा खोलने में कसर नहीं छोड़ी थी। इस रैली में कई हिंदू संगठन भी शामिल हुए थे। इन संगठनों ने साफ कर दिया है कि हमारी जेहन में अशोक गहलोत सरकार के खिलाफ रोष का सिलसिला जब तक जारी रहेगा, जब तक की हमारी मांगों पर विचार नहीं किया जा सकता है। बहरहाल, अब देखना होगा कि गहलोत सरकार की इन मांगों पर क्या कुछ प्रतिक्रियाएं रहती हैं। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी। गौरतलब है कि बीते दिनों अतिक्रमण के नाम पर गहलोत सरकार ने कई दुकानों के साथ–साथ अलवर में स्थित 300 साल पुराने मंदिर को ध्वस्त कर दिया था। जिसे लेकर राजनीतिक गलियारों में बहस देखने को मिल रही है। अब ऐसे में यह पूरा मामला क्या रुख अख्तियार करता है। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी।