नई दिल्ली। महाशिवरात्रि के पावन अवसर पर आज श्री केदारनाथ धाम के कपाट खोलने की तिथि घोषित की गई। 10 मई को बाबा केदार के कपाट श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए जाएंगे। श्री बद्रीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति ने बताया कि ‘ग्यारहवें ज्योतिर्लिंग श्री केदारनाथ धाम के कपाट 10 मई को सुबह 7 बजे खोले जाएंगे।’ मंदिर समिति ने बताया कि पंचमुखी डोली 6 मई को श्री केदारनाथ धाम के लिए प्रस्थान करेगी और विभिन्न पड़ावों से होते हुए 9 मई की शाम बाबा केदारनाथ धाम पहुंचेगी।
The portals of the eleventh Jyotirlinga Shri Kedarnath Dham to open on May 10 at 7 am: Shri Badrinath-Kedarnath Temple Committee
The temple committee said that the Panchmukhi Doli will depart for Shri Kedarnath Dham on May 6 and will reach Kedarnath Dham on May 9 evening after… pic.twitter.com/NnyUVVY4j7
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) March 8, 2024
केदारनाथ मंदिर के कपाट खुलने की तारीख तय करते समय केदारनाथ के रावल भीमाशंकर लिंग भी मौजूद रहे। आपको बता दें कि हर साल महाशिवरात्रि पर्व पर बाबा केदार के कपाट खुलने की तिथि घोषित होती है। आज महाशिवरात्रि के पावन इस मौके पर ओंकारेश्वर मंदिर को कई कुंतल फूलों से सजाया गया। पिछले साल चारधाम यात्रा के दौरान केदारनाथ में रिकॉर्ड संख्या में श्रद्धालु पहुंचे थे। उम्मीद की जा रही है कि इस बार उससे भी ज्यादा श्रद्धालु केदारनाथ दर्शन के लिए पहुंचेंगे।
वहीं चारधामों में से एक बद्रीनाथ धाम के कपाट खुलने की तिथि पहले ही घोषित हो चुकी है। बद्रीनाथ धाम के कपाट 12 मई को खुल रहे हैं। बदरीनाथ धाम उत्तराखंड के चमोली जिले में स्थित है। बदरीनाथ धाम को भू वैकुंठ भी कहते हैं। ये मंदिर भगवान नारायण को समर्पित है।
सचिवालय में चारधाम यात्रा-2024 की तैयारियों के सम्बन्ध में आयोजित बैठक के दौरान अधिकारियों को चारधाम यात्रा की तैयारियों एवं मॉनिटरिंग हेतु कमेटी गठित करने और यातायात प्रबंधन के सुगम संचालन हेतु एसपी/ एडिशनल एसपी रैंक के अधिकारी को नियुक्त करने के निर्देश दिए।
यात्रा मार्ग पर… pic.twitter.com/fbYouIwHOg
— Pushkar Singh Dhami (Modi Ka Parivar) (@pushkardhami) March 7, 2024
गौरतलब है कि उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने एक दिन पहले गुरुवार को सचिवालय में चारधाम यात्रा की तैयारियों को लेकर बैठक की थी। मुख्यमंत्री ने कहा कि बीते सालों की यात्रा में जो कमी एवं समस्याएं सामने आई हैं, उनके अनुभवों से प्लानिंग से काम कर उन समस्याओं को इस साल दूर किया जाए। संपूर्ण पैदल मार्गों एवं संवेदनशील इलाकों में सीसीटीवी लगाए जाएं। शासन स्तर से चारों धामों की लाइव मॉनिटरिंग की जाए, साथ ही आपदा कंट्रोल रूम का सुचारू संचालन किया जाए।