
नई दिल्ली। बीते कुछ दिनों से बिहार की सियासत में ड्रामा देखने को मिल रहा है। जेडीयू और भारतीय जनता पार्टी में लगातार तनातनी देखने को मिल रही है। लेकिन आखिरकार नीतीश कुमार ने एक बार फिर पलटी मार दी है। जेडीयू ने भाजपा से गठबंधन तोड़ लिया हैं। जिसके बाद अब सीएम नीतीश कुमार मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देंगे। बताया जा रहा है कि नीतीश कुमार की पार्टी विधायकों और सांसदों के साथ मुलाकात के बाद ये फैसला लिया है। नीतीश कुमार आज शाम 4 बजे राजभवन में राज्यपाल फागू चौहान से भी मुलाकात करेंगे। बता दें कि आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने नीतीश कुमार की पार्टी को समर्थन देने के लिए तैयार है। वहीं एनडीए से नाता तोड़ने के बाद नए सरकार के गठन के बीच जीतनराम मांझी की पार्टी हम और मुकेश सहनी की पार्टी वीआईपी ने जेडीयू का समर्थन देने का ऐलान किया है।
बिहार में गठबंधन टूटने के बाद भाजपा और जेडीयू की राह अलग हो चुकी है। इसी बीच एनडीए के अन्य सहयोगी दल एलजेपी ने भी बड़ा फैसला लिया है। पशुपति कुमार पारस की लोक जनशक्ति पार्टी राष्ट्रीय ने NDA का हिस्सा बने रहने का निर्णय लिया है। अब यह देखना रोचक होगा कि चिराग पासवान NDA के साथ कैसे तालमेल बैठाते हैं। हालांकि चिराग खुद को एनडीए का हिस्सा भी बताते रहे है। हाल ही में राष्ट्रपति चुनाव को लेकर भाजपा के हाई कमान से चिराग पासवान से सपोर्ट मांगा था और उन्होंने एनडीए के प्रत्याशी का समर्थन भी दिया था।
उधर हैरान करने वाली बात ये भी है कि जिस नीतीश कुमार ने ‘भ्रष्टाचार विरोध’ का हवाला बताते हुए 2017 में आरजेडी से नाता तोड़ लिया था और अचानक से भाजपा के साथ मिलकर सरकार बनाकर सबको चौंका दिया था। उस वक्त लालू के लाल तेजस्वी पर भ्रष्टाचार के आरोप में भी फंस गए थे। इतना ही लालू यादव ने गठबंधन तोड़ने पर नीतीश कुमार को पलटूराम तक बोल दिया था। मगर एक बार फिर से नीतीश कुमार ने पलटी मारी है और आरजेडी के साथ मिलकर सरकार बनाने जा रहे हैं। वहीं बिहार में हुए साल 2020 विधानसभा चुनाव की सीटों पर नजर मारे तो, आरजेडी 79, भाजपा 77, जेडीयू 45, कांग्रेस 19, CPI (ML) 12 वोट प्राप्त हुए थे।