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Controversial Trainee IAS Pooja Khedkar Case : विवादित ट्रेनी आईएएस पूजा खेडकर का एक और कारनामा उजागर, नाम में भी किया फर्जीवाड़ा

Controversial Trainee IAS Pooja Khedkar Case : पूजा ने दो अलग-अलग नामों से सिविल सेवा परीक्षा दी थी। ट्रेनी आईएएस ने एक जगह अपना नाम खेडकर पूजा दिलीप राव और दूसरी जगह अपना नाम पूजा मनोरमा दिलीप खेडकर लिखा।

नई दिल्ली। महाराष्ट्र कैडर की विवादित ट्रेनी आईएएस पूजा खेडकर को लेकर अब एक और चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। पूजा ने दो अलग-अलग नामों से सिविल सेवा परीक्षा दी थी। ट्रेनी आईएएस ने एक जगह अपना नाम खेडकर पूजा दिलीप राव और दूसरी जगह अपना नाम पूजा मनोरमा दिलीप खेडकर लिखा। टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक 2019 में दी गई सिविल सेवा की प्रारंभिक परीक्षा में ट्रेनी आईएएस ने अपना नाम खेडकर पूजा दिलीप राव लिखा था। हालाँकि, संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) द्वारा 2022 में जहां पूजा को आईएएस चुना गया था, वहां पीडब्ल्यूबीडी-मल्टीपल डिसएबिलिटी (एमडी) श्रेणी के तहत ट्रेनी आईएएए ने अपना नाम मनोरमा दिलीप खेडकर दर्ज कराया था।

पूजा खेडकर ने अलग-अलग पतों पर और अलग-अलग शहरों में विकलांगता सर्टिफिकेट के लिए भी अप्लाई किया था। पूजा ने पढ़ाई से लेकर आईएएस बनने तक हर जगह विकलांगता सर्टिफिकेट और कोटे का लाभ उठाया। केंद्र सरकार ने इस मामले में जांच समिति गठित की है जो दो हफ्ते में रिपोर्ट देगी। पूजा खेडकर ने अगस्त 2022 में जिला सिविल अस्पताल, औंध और यशवंतराव चव्हाण मेमोरियल अस्पताल, पिंपरी से लोकोमोटर विकलांगता के प्रमाण पत्र के लिए एक साथ आवेदन किया था। जबकि इससे पहले अहमदनगर जिला अस्पताल से 2018 में लो विजन और 2021 में मानसिक अवसाद और कमजोर नजर के लिए उसे पहले ही विकलांगता प्रमाण पत्र मिल चुका था।

पूजा 2022 तक भारतीय राजस्व सेवा (आईआरएस) अधिकारी के पद पर थीं। उन्हें ओबीसी श्रेणी और पीडब्ल्यूबीडी (लो विजन) के तहत आईआरएस के लिए चुना गया था। इसके बाद जब पूजा ने 2022 में फिर से यूपीएससी परीक्षा दी, तो उन्हें ओबीसी और पीडब्ल्यूबीडी (एमडी) कोटा जिसका मतलब होता है विकलांगता की एक से ज्यादा श्रेणी के तहत आईएएस चुना गया। पूजा पर आरोप है कि आईएएस बनने के लिए अलग-अलग विकलांगता प्रमाणपत्रों, गैर-क्रीमी लेयर ओबीसी कोटा का गलत तरीके से इस्तेमाल किया।