
संभल। यूपी के संभल में बीते दिनों बंद पड़ा मंदिर मिला था। संभल के सपा सांसद जियाउर्रहमान बर्क के घर से महज 200 मीटर दूर ये मंदिर है। इस मंदिर के आसपास अब प्रशासन ने अवैध कब्जा हटाने का काम शुरू किया है। संभल के मंदिर से सटे मकान का अवैध अतिक्रमण तोड़ने का काम मंगलवार सुबह से शुरू हो गया। यहां सुबह मजदूरों ने पहुंचकर अतिक्रमण को तोड़ने का काम शुरू किया। मकान के मालिक ने पहले ही कहा था कि वो अपना अवैध छज्जा तोड़ने के खिलाफ नहीं हैं। संभल के जिला प्रशासन ने मंदिर के आसपास के लोगों से उनके मकान के कागजात मांगे थे। इन कागजात को देखने और नापजोख करने के बाद ही अवैध अतिक्रमण हटाया जा रहा है।
#WATCH | Uttar Pradesh: The owner of a house located near the Shiv-Hanuman Temple in Sambhal removes an illegal part of his house by covering it, to avoid debris falling into the temple and nearby buildings.
The temple was discovered during an anti-encroachment drive carried… pic.twitter.com/Kgt1WfXD4F
— ANI (@ANI) December 17, 2024
संभल का ये पुराना मंदिर 1978 के दंगों के बाद से ही ताला लगाकर बंद कर दिया गया था। संभल के जिला प्रशासन ने जब बिजली चोरी के खिलाफ बीते दिनों अभियान चलाया, तब इस मंदिर का पता चला। इसके बाद मंदिर का ताला खोलकर वहां साफ सफाई कराई गई। इस मंदिर में पुराना शिवलिंग और हनुमान जी की प्रतिमा है। मंदिर की साफ सफाई के बाद वहां अब रोज पूजा हो रही है और भक्तों का तांता भी उमड़ रहा है। वहीं, प्रशासन ने मंदिर की सुरक्षा के लिए पुलिस की तैनाती की है। भक्तों को सुगम दर्शन हो सके, इसके लिए बैरीकेड भी लगाए गए हैं। यहां संभल जिला प्रशासन ने सीसीटीवी भी लगवाए हैं। ताकि भविष्य में किसी तरह की अप्रिय घटना या अवैध कब्जा न किया जा सके।
संभल के इस पुराने मंदिर के पास ही एक कुआं मिला था। इस कुएं को संभल जिला प्रशासन फिर से खोदवा रहा है। यहां खोदाई के दौरान सोमवार को माता पार्वती, भगवान गणेश और भगवान कार्तिकेय की खंडित प्रतिमाएं भी निकली थीं। इन प्रतिमाओं का काल खंड पता कराने में भी संभल का जिला प्रशासन जुटा है। संभल के जिला प्रशासन ने एएसआई को भी चिट्ठी लिखी है। ताकि पता लगाया जा सके कि भगवान शिव और हनुमान जी का मंदिर कितना पुराना है। इस मंदिर के आसपास पहले हिंदू बहुल इलाका था। संभल में 1978 के भीषण दंगों के बाद इलाके से ज्यादातर हिंदू परिवार चले गए और अब ये मुस्लिम बहुल इलाका है।