
नई दिल्ली। बिहार में प्रतियोगी परीक्षा का पेपर लीक होने की घटनाओं पर रोक लगाने के लिए आज विधानसभा से एंटी पेपरलीक बिल (बिहार लोक परीक्षा अनुचित साधन निवारण विधेयक 2024) ध्वनिमत से पास हो गया। हालांकि इस बीच विपक्ष ने सदन से वॉकआउट कर दिया। नए कानून के तहत परीक्षा का पेपर लीक करने के दोषी पाए जाने वाले व्यक्ति को 10 साल तक की जेल और एक करोड़ रुपए तक का जुर्माना हो सकता है। इस कानून के अधीन सभी अपराध संज्ञेय एवं गैरजमानती होंगे। इसका मतलब यह हुआ कि इस नए कानून के लागू होने के बाद अब पेपर लीक में शामिल आरोपियों को जमानत भी नहीं मिल सकेगी। वहीं लीक की जांच डीएसपी रैंक के अधिकारी द्वारा की जाएगी।
पेपर लीक माफियाओं की अब खैर नहीं!
दोषियों को 10 साल की सजा के साथ देना होगा 1 करोड़ रूपये जुर्माना।#BiharkiNDAsarkar pic.twitter.com/YGy2kvs2Ey
— BJP Bihar (@BJP4Bihar) July 24, 2024
यह कानून व्यापक है, जो छात्रों, शिक्षकों और अन्य लोगों सहित सभी संबंधित पक्षों पर लागू होता है। 1981 में जो कानून बनाया गया था उसमें केवल 6 महीने की ही सजा का प्रावधान था लेकिन अब नए कानून के तहत पेपर में शामिल लोगों को तीन से पांच साल तक की सजा होगी और 10 लाख तक जुर्माना होगा। संगठित रूप से अपराध करने वाले के लिए 5 से 10 साल तक की सजा और 1 करोड़ रुपए तक जुर्माने का प्रावधान है। बिहार सरकार के मंत्री विजय कुमार चौधरी ने कहा कि पेपर लीक मामले में सख्त कानून बनाना बहुत ही जरूरी था। केंद्र सरकार ने जो कानून बनाया था उसी के आधार पर बिहार सरकार ने भी कानून बनाया है। आज प्रतियोगी परीक्षाओं में विश्वसनीयता और पारदर्शिता बहाल करने की जरूरत है।
#WATCH | On the anti-paper leak bill passed in Assembly today, Bihar Minister Vijay Kumar Choudhary says,”Bihar government has made a strict law against paper leak. With this law, the future of aspirants and students will be secured. The law proposes 10 years imprisonment and a… pic.twitter.com/S3Gjyybsy2
— ANI (@ANI) July 24, 2024
चौधरी ने कहा कि जो भी इस तरह की गड़बड़ी करते हैं उससे मेधावी छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ होता है। हम उम्मीद करते हैं कि इससे पेपर लीक की घटनाओं पर विराम लगेगा और मेधावी युवाओं का भविष्य सुरक्षित और सुनहरा होगा। विपक्ष के वॉकआउट पर उन्होंने कहा कि इतने महत्वपूर्ण कानून के बनते समय विपक्ष का वॉकआउट कर जाना दिखाता है कि वो अपराध करने वालों का बचाव करना चाहते हैं। यही उनकी मंशा है और जनता इसे देख रही है।