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Anti Rape Bill 2024 Passed In West Bengal Assembly : पश्चिम बंगाल विधानसभा में एंटी रेप बिल पारित, जानिए इसमें क्या है प्रावधान

Anti Rape Bill 2024 Introduced In West Bengal Assembly : अपराजिता वीमेन एंड चाइल्ड (पश्चिम बंगाल आपराधिक कानून व संशोधन) बिल 2024 के अंतर्गत रेप, हत्या के दोषियों के लिए चार्जशीट दायर करने के 36 दिनों के भीतर मौत की सजा का प्रावधान है। इस बिल के मुताबिक शुरुआती जांच रिपोर्ट 21 दिनों के भीतर पेश करने और तय समय में केस की सुनवाई पूरी किए जाने के साथ हर जिले में अपराजिता टास्क फोर्स के नाम से स्पेशल फोर्स का गठन करने की बात कही गई है।

नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार ने आज प्रदेश विधानसभा में एंटी रेप बिल पारित हो गया। इस अपराजिता वीमेन एंड चाइल्ड (पश्चिम बंगाल आपराधिक कानून व संशोधन) बिल 2024 के अंतर्गत रेप, हत्या के दोषियों को चार्जशीट दायर करने के 36 दिनों के भीतर मौत की सजा का प्रावधान है। इस बिल के मुताबिक शुरुआती जांच रिपोर्ट 21 दिनों के भीतर पेश करने और तय समय में केस की सुनवाई पूरी किए जाने के साथ हर जिले में अपराजिता टास्क फोर्स के नाम से स्पेशल फोर्स का गठन करने की बात कही गई है। इतना ही नहीं अगर किसी ने दुष्कर्म पीड़िता की पहचान उजागर की तो उस पर भी एक्शन लिए जाने का प्रावधान है।

बीजेपी ने ममता बनर्जी सरकार के इस बिल का समर्थन करने का ऐलान किया था। आपको बता दें कि कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज की घटना को लेकर पश्चिम बंगाल ही नहीं बल्कि देशभर के डाक्टरों और आम लोगों में भी बहुत रोष है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इस केस की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया था मगर कलकत्ता हाईकोर्ट ने सीबीआई को जांच सौंपी है। सीबीआई द्वारा केस की पड़ताल जारी है। वहीं सुप्रीम कोर्ट ने भी इस मामले पर संज्ञान लिया है।

इस बीच, कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज दुष्कर्म और हत्या मामले में पूर्व एडिशनल सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) और वरिष्ठ अधिवक्ता पिंकी आनंद ने सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ को पत्र लिखकर महिलाओं के खिलाफ अपराधों के मामलों में त्वरित कार्रवाई की सुविधा के लिए यौन उत्पीड़न साक्ष्य किट अपनाने और यौन उत्पीड़न नर्स परीक्षकों की नियुक्ति का सुझाव दिया है। पिंकी आनंद अपने पत्र में इस संबंध में विचार के लिए कई सिफारिशें साझा की हैं। उन्होंने कहा कि ये सुझाव संपूर्ण नहीं हैं इसलिए उन्होंने जरूरत पड़ने पर इन सिफारिशों पर अतिरिक्त जानकारी या अन्य किसी भी तरह की डिटेल उपलब्ध कराने की भी पेशकश की है।