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BBC Ban On Gary Linekar: पीएम मोदी पर सवाल उठाने वाले बीबीसी का दोहरा चरित्र, एंकर और डॉक्यूमेंट्री को किया सस्पेंड, अनुराग ठाकुर ने साधा निशाना
ब्रिटिश ब्रॉडकास्टिंग कॉरपोरेशन (बीबीसी) ने बीते दिनों पीएम नरेंद्र मोदी की गुजरात दंगों के मामले में भूमिका पर डॉक्यूमेंट्री जारी की थी। बीबीसी लगातार अभिव्यक्ति की आजादी और स्वतंत्र पत्रकारिता की दुहाई देता है, लेकिन अब उसने पूर्व फुटबॉल स्टार और अब एंकरिंग करने वाले गैरी लिनेकर को निलंबित कर दिया है। लिनेकर ने ब्रिटिश सरकार की नई प्रवासी नीति की आलोचना की थी। बीबीसी ने दक्षिणपंथियों की प्रतिक्रिया के डर से अपनी एक डॉक्यूमेंट्री के प्रसारण को भी रोक दिया।
नई दिल्ली। ब्रिटिश ब्रॉडकास्टिंग कॉरपोरेशन (बीबीसी) ने बीते दिनों पीएम नरेंद्र मोदी की गुजरात दंगों के मामले में भूमिका पर डॉक्यूमेंट्री जारी की थी। बीबीसी लगातार अभिव्यक्ति की आजादी और स्वतंत्र पत्रकारिता की दुहाई देता है, लेकिन अब उसने पूर्व फुटबॉल स्टार और अब एंकरिंग करने वाले गैरी लिनेकर को निलंबित कर दिया है। लिनेकर ने ब्रिटिश सरकार की नई प्रवासी नीति की आलोचना की थी। बीबीसी यहीं नहीं रुका। उसने दक्षिणपंथियों की प्रतिक्रिया के डर से अपनी एक डॉक्यूमेंट्री के प्रसारण को भी रोक दिया। ये डॉक्यूमेंट्री रिचर्ड अटनबरॉ ने बनाई थी। बीबीसी की इस दोहरी नीति पर मोदी सरकार में सूचना और प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने सवाल उठाते हुए उसकी स्वतंत्र पत्रकारिता पर सवाल खड़े किए हैं।
Interesting to see how the BBC which makes lofty claims about journalistic objectivity & independence suspend their star anchor over his social media activity.
1/3 pic.twitter.com/iTDY3sJQHF
— Anurag Thakur (@ianuragthakur) March 11, 2023
अनुराग ठाकुर ने शनिवार को इस मामले में ट्वीट करते हुए कहा कि बीबीसी पत्रकारिता की निष्पक्षता और आजादी के बड़े-बड़े दावे करता है। उसकी ओर से अपने स्टार एंकर को सोशल मीडिया गतिविधि के मसले पर निलंबित करते हुए देखना काफी दिलचस्प है। अनुराग ठाकुर ने ये भी लिखा कि दिलचस्प ये भी है कि बीबीसी ने समाज के एक वर्ग के नाराज होने के डर से अपनी एक डॉक्यूमेंट्री के प्रसारण को भी निलंबित कर दिया। अनुराग ठाकुर ने कहा है कि मनगढ़ंत तथ्यों के जरिए दुष्प्रचार करने वालों से नैतिक समझ या पत्रकारिता की आजादी के लिए खड़े होने की उम्मीद नहीं की जा सकती। उन्होंने लिखा कि फर्जी विमर्श कायम करना और नैतिक पत्रकारिता स्वाभाविक तौर पर विरोधाभासी है।
बता दें कि बीबीसी ने इस साल जनवरी में गुजरात दंगों पर ‘द मोदी क्वेश्चन’ नाम से डॉक्यूमेंट्री रिलीज की थी। केंद्र सरकार ने इसे दुष्प्रचार बताते हुए बैन किया था। मोदी सरकार के बीबीसी डॉक्यूमेंट्री बैन करने के फैसले पर कांग्रेस समेत तमाम विरोधियों ने जमकर हंगामा किया था। इसे पत्रकारिता और अभिव्यक्ति की आजादी का गला घोटने वाला भी बताया था। अब बीबीसी ने अपने एंकर गैरी लिनेकर और एक अन्य डॉक्यूमेंट्री पर जो रोक लगाई है, उस पर भारत में विपक्षी दलों की तरफ से कोई विरोध की आवाज सुनाई नहीं दे रही है।