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Sanjay Bhandari Declared Fugitive Economic Offender : हथियार डीलर संजय भंडारी को दिल्ली की विशेष अदालत ने घोषित किया भगोड़ा आर्थिक अपराधी

Sanjay Bhandari Declared Fugitive Economic Offender : भगोड़ा आर्थिक अपराधी अधिनियम, 2018 के तहत लिए गए इस एक्शन के बाद अब ईडी को संजय भंडारी की संपत्ति को जब्त करने का अधिकार मिल गया है। संजय भंडारी पर मनी लॉन्ड्रिंग, विदेशों में अवैध संपत्ति समेत कई गंभीर आरोप हैं। संजय भंडारी साल 2016 में ब्रिटेन भाग गया था। भारत ने उसके प्रत्यर्पण की मांग उठाई थी मगर यूके की अदालत ने प्रत्यर्पण अर्जी को खारिज कर दिया था।

नई दिल्ली। ब्रिटेन में रह रहे हथियार डीलर संजय भंडारी को दिल्ली की विशेष अदालत ने भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित कर दिया है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की याचिका पर सुनवाई करते हुए अदालत ने यह कार्रवाई की है। भगोड़ा आर्थिक अपराधी अधिनियम, 2018 के तहत लिए गए इस एक्शन के बाद अब ईडी को संजय भंडारी की संपत्ति को जब्त करने का अधिकार मिल गया है। संजय भंडारी पर मनी लॉन्ड्रिंग, विदेशों में अवैध संपत्ति समेत कई गंभीर आरोप हैं। संजय भंडारी साल 2016 में ब्रिटेन भाग गया था। भारत ने उसके प्रत्यर्पण की मांग उठाई थी मगर यूके की अदालत ने प्रत्यर्पण अर्जी को खारिज कर दिया था।

ईडी ने संजय भंडारी के खिलाफ आयकर विभाग के आरोप पत्र का संज्ञान लेते हुए फरवरी 2017 में भंडारी और अन्य के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का आपराधिक मामला दर्ज किया था। इसके बाद साल 2020 में ईडी ने संजय भंडारी के खिलाफ आरोप पत्र भी दायर किया था। अब भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित किए जाने के बाद ईडी को इस मामले में बड़ी सफलता हाथ लगी है। संजय भंडारी का नाम कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी के पति रॉबर्ट वाड्रा के साथ भी जुड़ा है। ईडी ने इस मामले में रॉबर्ट वाड्रा को पूछताछ के लिए पिछले महीने समन भेजा था।

ईडी के अनुसार हथियार कारोबारी संजय भंडारी ने साल 2009 में लंदन में एक घर खरीदा था। इस घर के रिनोवेशन का काम रॉबर्ट वाड्रा के निर्देश के अनुसार कराया गया था और इसमें जितना भी खर्च आया वो धन भी वाड्रा ने ही मुहैया कराया था। हालांकि वाड्रा ने इन आरोपों को खारिज किया है मगर ईडी पीएमएलए के तहत पूरे मामले की तफ्तीश में जुटी हुई है। कोर्ट के द्वारा भंडारी को भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित करने के फैसले से भारत के लिए ब्रिटेन से उसके प्रत्यर्पण की संभावित अपीलों में भी कानूनी रूप से मजबूत आधार मिलेगा।