उत्तरकाशी। उत्तराखंड के उत्तरकाशी स्थित सिलक्यारा सुरंग में 41 मजदूरों को फंसे हुए आज 16 दिन हो चुके हैं। मजदूरों को 60 मीटर मलबे के पीछे से निकालने के लिए हर तरीका अपनाया जा चुका है, लेकिन सिलक्यारा सुरंग से उनको निकालने में अभी कामयाबी नहीं मिली है। मजदूरों को सुरंग से निकालने के लिए रविवार से वर्टिकल ड्रिलिंग शुरू हुई थी। इसके तहत सुरंग के ऊपर से खोदाई की जा रही है। खबर है कि अब तक वर्टिकल ड्रिलिंग से 30 मीटर खोदाई हो चुकी है। मजदूरों तक पहुंचने के लिए 86 मीटर वर्टिकल ड्रिलिंग करनी होगी। ऐसे में ये काम मंगलवार तक पूरा होने की उम्मीद है। वहीं, बड़कोट सिरे से भी विस्फोटक लगाकर धमाके किए जा रहे हैं। इससे पहाड़ तोड़कर मजदूरों तक पहुंचने का दूसरा रास्ता बनाया जा रहा है। हालांकि, बड़कोट से सिलक्यारा सुरंग में फंसे मजदूरों तक पहुंचने में काफी वक्त लगेगा। इसकी वजह 400 मीटर से लंबी दूरी तय करना है।
#WATCH हरिद्वार में देव दिवाली के मौके पर सिल्क्यारा सुरंग में फंसे मजदूरों के लिए प्रार्थना करते हुए हर की पौड़ी में 21 हजार दीपक जलाए गए। (26.11) pic.twitter.com/HKzVisqMou
— ANI_HindiNews (@AHindinews) November 27, 2023
उत्तरकाशी की सिलक्यारा टनल का अपडेट
सुरंग के ऊपर ऐसे हो रहा है वर्टिकल ड्रिल, मशीन ने अभी तक 15 मीटर की ड्रिल पूरी, 86 मीटर की ड्रिल होनी है। pic.twitter.com/a9jLI1BqAF— Ajit Singh Rathi (@AjitSinghRathi) November 26, 2023
पहले सुरंग में सामने से ऑगर मशीन के जरिए मलबे को काटकर 800 मिलीमीटर की पाइपलाइन बिछाने की योजना थी। ऑगर मशीन ने काफी मलबा काट दिया था, लेकिन जब ये मजदूरों से महज 14-15 मीटर दूर थी, तो सामने स्टील की सरिया आने के कारण ब्लेड टूटकर मलबे में फंस गए। इन टूटे ब्लेड को निकालने के लिए रविवार को हैदराबाद से प्लाज्मा कटर मशीन लाई गई थी। देर रात तक ऑगर मशीन के मलबे में फंसे हिस्से को निकालने की कोशिश की जाती रही। बताया जा रहा है कि आज मशीन का हिस्सा निकाल लिया जाएगा और फिर इसी मलबे के बाकी करीब 15 मीटर हिस्से को हाथ से हटाया जाएगा। हाथ से मलबा हटाए जाने के कारण इस ओर से भी मजदूरों तक पहुंचने में गुरुवार से शुक्रवार तक का वक्त लग सकता है।
सिलक्यारा सुरंग में 12 नवंबर को तड़के 5.30 बजे के करीब धंसाव हो गया था। इस धंसाव से सुरंग में 60 मीटर दूरी तक मलबा भर गया। मलबे के पीछे मजदूर फंस गए। मजदूरों को निकालने के लिए अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञ भी मौके पर बुलाए गए हैं। वहीं, सेना, ओएनजीसी, रेलवे और एनडीआरएफ समेत कई एजेंसियां काम कर रही हैं। पीएम नरेंद्र मोदी लगातार मजदूरों के बचाव अभियान पर नजर बनाए हुए हैं। वो लगातार उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी से बात कर रहे हैं। मजदूरों तक लैंडलाइन फोन, मोबाइल फोन, भोजन, दवा और जरूरी चीजें पहुंचाई गई हैं। उनसे लगातार बात की जा रही है। खबर थी कि कुछ मजदूर बीमार पड़े थे, लेकिन वे अब ठीक हैं। मजदूरों के पास सुरंग में 2 किलोमीटर की सुरक्षित जगह है। जहां जरूरत पड़ने पर वो शिफ्ट हो सकते हैं।