नई दिल्ली। कोरोना रोगियों के उपचार को लेकर दिल्ली सरकार और उपराज्यपाल अनिल बैजल के बीच एक बार फिर ठन गई है। दरअसल उपराज्यपाल अनिल बैजल ने केजरीवाल सरकार के उस फैसले को पलट दिया है, जिसमें एक दिन पहले कहा गया था कि दिल्ली के सरकारी और निजी अस्पतालों में सिर्फ दल्ली वालों का ही इलाज होगा। नए फैसले के अनुसार राजधानी में अब कोई भी व्यक्ति अस्पतालों में इलाज करा सकता है।
इसके तुरंत बाद अनिल बैजल ने एक और बड़ा फैसला लिया है। उन्होंने दिल्ली में आईसीएमआर द्वारा 18 मई को जारी की गई नीति को दिल्ली में लागू करने के लिए कहा है। जिसके तहत दिल्ली में असिम्प्टोमटिक मरीज 5 से 10 दिनों के भीतर टेस्ट करा सकेंगे।
वहीं उपराज्यपाल के फैसले को लेकर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीलाल ने कड़ी प्रतिक्रिया जाहिर की है। केजरीवाल ने ट्वीट किया, LG साहिब के आदेश ने दिल्ली के लोगों के लिए बहुत बड़ी समस्या और चुनौती पैदा कर दी है। देशभर से आने वाले लोगों के लिए करोना महामारी के दौरान इलाज का इंतज़ाम करना बड़ी चुनौती है। शायद भगवान की मर्ज़ी है कि हम पूरे देश के लोगों की सेवा करें। हम सबके इलाज का इंतज़ाम करने की कोशिश करेंगे।
LG साहिब के आदेश ने दिल्ली के लोगों के लिए बहुत बड़ी समस्या और चुनौती पैदा कर दी है
देशभर से आने वाले लोगों के लिए करोना महामारी के दौरान इलाज का इंतज़ाम करना बड़ी चुनौती है।शायद भगवान की मर्ज़ी है कि हम पूरे देश के लोगों की सेवा करें।हम सबके इलाज का इंतज़ाम करने की कोशिश करेंगे
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) June 8, 2020
सोमवार को दिल्ली सरकार ने कैबिनेट बैठक में यह फैसला लिया था। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आधिकारिक घोषणा की थी कि सरकार के अंतर्गत आनेवाले हॉस्पिटल और दिल्ली के प्राइवेट हॉस्पिटलों में सिर्फ दिल्ली के लोगों का इलाज होगा। वहीं केंद्र सरकार के हॉस्पिटल जैसे एम्स, सफरदरजंग और राम मनोहर लोहिया (आरएमएल) में सभी लोगों का इलाज हो सकेगा, जैसा अबतक होता भी आया है। हालांकि, कुछ प्राइवेट हॉस्पिटल जो स्पेशल सर्जरी करते हैं जो कहीं और नहीं होती उनको करवाने देशभर से कोई भी दिल्ली आ सकता है, उसे रोक नहीं होगी।