नई दिल्ली। बड़ी खबर राजस्थान के लिए है। खबर ये है कि बीजेपी नेतृत्व राजस्थान में सीएम के पद पर केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव की ताजपोशी कर सकता है। अश्विनी वैष्णव खुद राजस्थान के हैं और मोदी सरकार में रेल और आईटी जैसे अहम मंत्रालय उन्हीं के पास है। अश्विनी वैष्णव अभी सांसद हैं और उनको टास्क मास्टर माना जाता है। रेल मंत्री रहते ओडिशा में हुई भीषण रेल दुर्घटना के बाद वो मौके पर पहुंचकर जिस तरह पूरे राहत और बचाव अभियान का नेतृत्व करते रहे, उससे बीजेपी नेतृत्व और पीएम नरेंद्र मोदी का भरोसा अश्विनी वैष्णव पर बढ़ा है। अश्विनी वैष्णव भी राजस्थान में चुनाव से पहले कई बार दौरे कर चुके थे और वहां उन्होंने जनसभाओं में बीजेपी के लिए वोट मांगे थे। पीएम नरेंद्र मोदी हमेशा चौंकाने वाले फैसलों के लिए पहचाने जाते हैं। ऐसे में अगर अश्विनी वैष्णव को वो राजस्थान का सीएम बना दें, तो हैरत की बात नहीं होगी।
राजस्थान के नए सीएम पर बड़ी खबर…राजस्थान CM पद की रेस में आगे अश्विनी वैष्णव#AshwiniVaishnaw | #RajasthanCM | #Rajasthan | #BJP pic.twitter.com/PvWRTEuPDD
— India TV (@indiatvnews) December 7, 2023
अश्विनी वैष्णव को बीजेपी ने मध्यप्रदेश में हुए विधानसभा चुनाव में सह प्रभारी बनाया था। मध्यप्रदेश में जिस तरह बीजेपी ने अभूतपूर्व जीत दर्ज की, उससे अश्विनी वैष्णव का कद काफी बढ़ा है। अश्विनी वैष्णव सियासत में आने से पहले आईएएस अफसर थे। वो ओडिशा में तमाम जिलों के कलेक्टर और अहम पदों पर रहे। इसी दौरान उनकी कार्यशैली की जमकर तारीफ होती थी। इसी वजह से पीएम मोदी की निगाह में अश्विनी वैष्णव चढ़ गए और फिर मोदी ने उनको बीजेपी ज्वॉइन कराकर रेल और आईटी मंत्रालय सौंप दिए। अश्विनी वैष्णव मृदुभाषी और जनता के साथ घुल-मिलकर रहने वाले अधिकारी और नेता रहे हैं। टास्क मास्टर होने की वजह से बीजेपी उनको गृहराज्य राजस्थान की हालत बेहतर करने भेज सकती है।
बीजेपी ने राजस्थान में 200 में से 115 विधानसभा सीटों पर इस बार जीत हासिल की है। राजस्थान में बीजेपी की तरफ से अब तक तमाम सीएम चेहरों की चर्चा होती रही है। इनमें पूर्व सीएम वसुंधरा राजे, गजेंद्र सिंह शेखावत, दीया कुमारी, राज्यवर्धन सिंह राठौड़, बाबा बालकनाथ और अर्जुन राम मेघवाल शामिल हैं। वसुंधरा राजे अभी दिल्ली में हैं। उनको बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व से मिलना है। वसुंधरा ने दिल्ली आने से पहले जयपुर में कहा कि वो बीजेपी की अनुशासित सिपाही हैं और पार्टी की लाइन से अलग नहीं जाएंगी। इससे उन चर्चाओं ने दम तोड़ दिया है कि अगर सीएम न बनाया गया, तो वसुंधरा राजे बगावत कर सकती हैं।