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Dhar Bhojshala ASI Survey Report : धार भोजशाला की सर्वे रिपोर्ट एएसआई ने मध्य प्रदेश हाईकोर्ट को सौंपी

Dhar Bhojshala ASI Survey Report : सर्वे के दौरान एएसआई को सीढ़ियों के नीचे बंद कमरे से मां वाग्देवी, मां पार्वती, बजरंग बली व गणेश भगवान की प्रतिमाएं मिली थीं। इसके अतिरिक्त सनातनी आकृतियों वाले शंख-चक्र, शिखर समेत करीब 79 अवशेष भी मिले थे।

नई दिल्ली। मध्य प्रदेश के धार स्थित भोजशाला की सर्वे रिपोर्ट एएसआई ने हाईकोर्ट की इंदौर बेंच में पेश कर दी है। एएसआई ने हाईकोर्ट के आदेश के बाद 22 मार्च को भोजशाला का सर्वे शुरू किया था। 98 दिनों तक चले गहन सर्वे के बाद एएसआई ने 2000 पन्नों की विस्तृत रिपोर्ट तैयार की और आज इसे अदालत में पेश की। सर्वे के दौरान एएसआई को सीढ़ियों के नीचे बंद कमरे से मां वाग्देवी, मां पार्वती, बजरंग बली व गणेश भगवान की प्रतिमाएं मिली थीं। इसके अतिरिक्त सनातनी आकृतियों वाले शंख-चक्र, शिखर समेत करीब 79 अवशेष भी मिले थे।

आपको बता दें कि भोजशाला पर हिंदू और मुस्लिम दोनों पक्ष के लोग दावा करते हैं। हिंदू संगठनों के मुताबिक, धार स्थित कमाल मौलाना मस्जिद दरअसल मां सरस्वती मंदिर भोजशाला है, जिसे सन 1034 में राजा भोज ने संस्कृत की पढ़ाई के लिए बनवाया था। बाद में यहां के मुस्लिम शासक ने इसे मस्जिद में परिवर्तित कर दिया था। इसी को लेकर हिंदू संगठनों की ओर से याचिका दायर की गई थी जिस पर हाईकोर्ट की इंदौर बेंच ने 11 मार्च को एएसआई को सर्वे करने का आदेश दिया था।

धार जिला प्रशासन की वेबसाइट के अनुसार राजा भोज (1000-1055 ई.) परमार राजवंश के सबसे बड़े शासक थे। उन्होंने धार में एक महाविद्यालय की स्थापना की, जिसे बाद में भोजशाला के रूप में जाना जाने लगा, जहां छात्र शिक्षा के लिए आते थे। इस भोजशाला या सरस्वती मंदिर, जिसे बाद में यहां के मुस्लिम शासक ने मस्जिद में परिवर्तित कर दिया था, इसके अवशेष अभी भी प्रसिद्ध कमाल मौलाना मस्जिद में देखे जा सकते हैं। फिलहाल भोजशाला का परिसर एएसआई के संरक्षण में है और हिंदुओं को प्रत्येक मंगलवार को परिसर पूजा करने की अनुमति है, जबकि मुसलमानों को प्रत्येक शुक्रवार को परिसर के एक तरफ स्थित मस्जिद में नमाज अदा करने की जाती है।