नई दिल्ली। यूनियन सिवल कॉड को लेकर सियासी गलियारों में बहस का सिलसिला जारी है। कई राजनेता इसे लेकर अपनी राय जाहिर कर रहे हैं। कुछ विरोध तो कुछ समर्थन कर रहे हैं। वहीं कईओं ने तो इसे अपने राज्य में लागू कराने का ऐलान भी कर दिया है, जिसमें उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का नाम शामिल है। वो तो उत्तराखंड विधानसभा चुनाव से पूर्व ही ऐलान कर चुके थें कि यूसीसी को राज्य में किसी भी कीमत पर लागू करवाकर ही रहेंगे। लेकिन सरकार के उपरोक्त पहल को लेकर कुछ लोग विरोध कर रहे हैं, तो कुछ समर्थन कर रहे हैं। सबके अपने-अपने तर्क हैं। लेकिन इस बीच असम के मुख्यमंत्री हेमंत बिस्वा शर्मा का बड़ा बयान सामने आय है, जिसमें उन्होंने यूसीसी को मुस्लिम महिलाओं से जोड़ते हुए अपनी राय जाहिर की है। आइए, आगे आपको बताते हैं कि आखिर उन्होंने क्या कुछ कहा है।
क्या बोले हेमंत बिस्वा शर्मा
असम के मुख्यमंत्री हेमंत बिस्वा शर्मा ने कहा कि, ‘हर कोई UCC चाहता है। कोई भी मुस्लिम महिला नहीं चाहती कि उसका पति 3 अन्य पत्नियों को घर लाए। UCC मेरा मुद्दा नहीं है, यह सभी मुस्लिम महिलाओं का मुद्दा है। अगर उन्हें तीन तलाक को खत्म करने के बाद इंसाफ देना है, तो UCC लाना होगा’। हालांकि, इससे पहले भी यूसीसी का मसला सुर्खियों रह चुका है। चलिए, अब आगे जान लेते हैं कि आखिर यूसीसी है क्या?
हर कोई UCC चाहता है। कोई भी मुस्लिम महिला नहीं चाहती कि उसका पति 3 अन्य पत्नियों को घर लाए। UCC मेरा मुद्दा नहीं है, यह सभी मुस्लिम महिलाओं का मुद्दा है। अगर उन्हें तीन तलाक को खत्म करने के बाद इंसाफ देना है तो UCC लाना होगा: असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा pic.twitter.com/vwRM7lepxT
— ANI_HindiNews (@AHindinews) April 30, 2022
आखिर क्या है यूनियन सिविल कोड ?
यूनियन सिविल कोड के लागू होने के उपरांत देश में रह रहे किसी भी नागरिक को अपने धर्म के रीति नीति की नहीं, बल्कि संवैधानिक नियमों का पालन करने के प्रति बाध्य रहना होगा। यूनियन सिविल कोड लागू होने के उपरांत किसी भी धर्म विशेष के व्यक्ति को अपने मजहब के नीतियों की नहीं, बल्कि संविधान के नियमों को मानने के प्रति बाध्य रहना होगा।