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UP School: यूपी के सरकारी स्‍कूलों में पढ़ने वाले छात्रों के माता-पिता ध्यान दें, कक्षा 1 से 8 तक के स्‍टूडेंट्स के लिए नया आदेश जारी

UP School: अब राज्य (यूपी) के सरकारी स्कूलों (Schools) में पढ़ने वाले पहली से आठवीं तक के बच्चों को लेकर बड़ा फैसला लिया गया है। उन माता-पिता के लिए ये खास खबर है जिनके बच्चे यूपी के परिषदीय स्कूलों (UP School) में पढ़ाई करते हैं। कक्षा 1 से 8 तक के बच्चों के लिए ये फैसला लिया गया है। अब चलिए आपको बताते हैं क्या है ये फैसला…

नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश (UP) में वर्तमान में योगी सरकार (Yogi Adityanath) है। इस सरकार ने अपना पहला कार्यकाल तो बखूबी पूरा किया। वहीं, अब सरकार अपने दूसरे कार्यकाल में भी एक के बाद एक सराहनीय कदम बढ़ा रही है। सामाजिक-आर्थिक विकास, रोजगार, मूलभूत सुविधाओं की व्यवस्था, कानून के मुद्दे के अलावा सरकार शिक्षा के मामले में किसी तरह की लापरवाही नहीं बरतना चाहती। यही वजह है कि पहले सरकार द्वारा मदरसों में पढ़ाने वाले शिक्षकों को लेकर कई नियम जारी किए थे।

वहीं, अब राज्य (यूपी) के सरकारी स्कूलों (Schools) में पढ़ने वाले पहली से आठवीं तक के बच्चों को लेकर बड़ा फैसला लिया गया है। उन माता-पिता के लिए ये खास खबर है जिनके बच्चे यूपी के परिषदीय स्कूलों (UP School) में पढ़ाई करते हैं। कक्षा 1 से 8 तक के बच्चों के लिए ये फैसला लिया गया है। अब चलिए आपको बताते हैं क्या है ये फैसला…

CM Yogi Adityanath

बिना परीक्षा भी होंगे पास, अगली कक्षा में किए जाएंगे प्रमोट

यूपी के परिषदीय स्कूलों में पढ़ाई करने वाले कक्षा 1 से 8 तक के बच्चों के लिए ये फैसला बेसिक शिक्षा परिषद ने जारी किया है। इस आदेश के अंतर्गत अब जो यूपी के परिषदीय स्कूलों में पहली से आठवीं के बच्चे शिक्षा ले रहे हैं उन्हें फेल नहीं किया जा सकेगा। अब ये छात्र बिना परीक्षा ही अगली कक्षा में भेज दिए जाएंगे। पहली से आठवीं तक के छात्र अगर किसी वजह से परीक्षा नहीं भी दिए होंगे तो भी उन्हें अगली कक्षा में प्रमोट किया जाएगा। कक्षा 1 से 8 तक के छात्रों को मिल रही ये सुविधा केवल उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा परिषद के तहत संचालित होने वाले परिषदीय विद्यालयों और मान्यता प्राप्त स्कूलों में पढ़ाई कर रहे छात्रों को ही मिलेगी।

UP School

क्यों लिया गया है ये फैसला

कक्षा 1 से 8 तक के बच्चों के लिए बेसिक शिक्षा परिषद द्वारा ये आदेश शिक्षा के अधिकार अधिनियम के तहत जारी किया गया है। इस फैसले की वजह बच्चों को पिछड़ने से बचाना है ताकि किसी भी कारण से बच्चे शिक्षा से वंचित न रह जाए। जारी आदेश के तहत साफ तौर पर ये कह दिया गया है कि अब पहली से आठवीं तक के छात्रों को फेल नहीं किया जाएगा। अब इस फैसले के बाद उन पैरेंट्स को राहत मिलेगी जिनके बच्चे यूपी के परिषदीय स्कूलों (UP School) में पढ़ते हैं।