Baghpat: सस्पेंड होने के बाद सब इंस्पेक्टर इंतसार अली ने कटवाई दाढ़ी, जिसके बाद अब एसपी ने की ये कार्रवाई

Sub Inspector Intasar Ali: एसपी(SP) अभिषेक सिंह(Abhishek Singh) ने कहा कि पुलिस में सिर्फ सिख समुदाय को ही दाढ़ी रखने की अनुमति है। हिन्दू-मुस्लिम(Hindu-Muslim) सहित अन्य समाज को इसकी अनुमति नहीं दी गई है।

Avatar Written by: October 24, 2020 5:54 pm
Intsar Ali Sub Inspector

नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश के बागपत जिले में पुलिस विभाग की अनुमति के बिना सब-इंस्पेक्टर इंतसार अली दाढ़ी रखकर ड्यूटी कर रहे थे। जिसके बाद एसपी अभिषेक सिंह ने उनके निलंबन का आदेश जारी कर दिया था। फिलहाल निलंबित किए गए दारोगा इंतसार अली को दाढ़ी कटवाने के बाद बहाल कर दिया गया है। पुलिस के यूनिफॉर्म कोड को लेकर अनुशासनहीनता बरतने पर उनको निलंबित कर दिया गया था। एसपी अभिषेक सिंह की हिदायत के बाद दारोगा ने अपनी दाढ़ी बनवा ली, जिसके बाद उनको बहाल कर दिया गया इंसार अली रमाला थाने में तैनात हैं। वहीं अब इंतसार अली ने अपनी दाढ़ी कटवा ली है। जिसके बाद एसपी ने उनका निलंबन आदेश वापस ले लिया है। बता दें कि इंतसार अली बहाल हो चुके हैं। बता दें कि इस मामले में जमीयत उलमा के पदाधिकारियों ने शुक्रवार को डीएम शकुंतला गौतम और एसपी अभिषेक सिंह से मुलाकात की थी।

Intsar Ali Sub Inspector Baghpat pic

इससे पहले इस मामले में पहले निलंबित सब इंस्पेक्टर का कहना था कि नवंबर 2019 में दाढ़ी रखने की अनुमति के लिए आईजी को आवेदन पत्र भेजकर अनुमति मांगी थी, लेकिन अभी तक अनुमति नहीं मिली। वहीं आईजी ने कहा कि, इस बारे में मुझे या मेरे कार्यालय में दरोगा इंतसार अली का कोई प्रार्थना पत्र है, ऐसा मेरे संज्ञान में नहीं आया है। दाढ़ी रखने के लिए संबंधित जिले के एसएसपी या एसपी से अनुमति ली जाती है। अनुमति कैंसिल होने पर आईजी कार्यालय में अपील की जाती है।

Intsar Ali Sub Inspector Baghpat

एसपी अभिषेक सिंह का कहना था कि..

एसपी अभिषेक सिंह ने कहा कि पुलिस में सिर्फ सिख समुदाय को ही दाढ़ी रखने की अनुमति है। हिन्दू-मुस्लिम सहित अन्य समाज को इसकी अनुमति नहीं दी गई है। पुलिस में अनुशासन का पालन करना सभी के लिए जरूरी है। इंतसार को कई बार नोटिस भेजा गया था कि दाढ़ी रखने के अनुमति लें, लेकिन लगातार इसकी अनदेखी की गई। अनुशासनहीनता में विभागीय स्तर पर निलंबित करने की कार्रवाई की गई है। इसको किसी मजहब से जोड़कर न देखा जाए।