
नई दिल्ली। मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय ने एक व्यक्ति को इस शर्त पर जमानत दे दी कि वह महीने में दो बार ‘भारत माता की जय’ का नारा लगाते हुए भारतीय ध्वज को 21 बार सलामी देगा। इस व्यक्ति पर आरोप है कि उसने हाल ही में ‘पाकिस्तान जिंदाबाद और हिंदुस्तान मुर्दाबाद’ के नारे लगाए थे। अदालत ने आरोपी व्यक्ति को उपरोक्त शर्त और 50,000 रुपये के निजी मुचलके पर जमानत पर रिहा करने की अनुमति दे दी। न्यायमूर्ति दिनेश कुमार पालीवाल की एकल बेंच ने कहा कि आरोपी को कुछ ऐसी शर्तें लगाने के बाद जमानत पर रिहा किया जा सकता है जो उसे भारत देश के प्रति जिम्मेदारी और गर्व की भावना से उत्साहित करेंगी जहां उसका जन्म हुआ और जहां वो रह रहा है।
बार एंड बेंच की खबर के अनुसार जज ने कहा कि जब तक यह मुकदमा कोर्ट में चलता रहेगा तब तक आरोपी को हर महीने के पहले और चौथे मंगलवार को सुबह 10 बजे से 12 बजे के बीच पुलिस स्टेशन मिसरोद, भोपाल के समक्ष लगातार अपनी उपस्थिति दर्ज करानी होगी और वहां फहराए गए राष्ट्रीय ध्वज को 21 बार भारत माता की जय का नारा लगाते हुए सलामी देनी होगी। उस व्यक्ति पर पाकिस्तान समर्थक नारे लगाने के लिए भारतीय दंड संहिता, 1860 की धारा 153 बी (शत्रुता को बढ़ावा देना) के तहत मामला दर्ज किया गया था।
वहीं, कोर्ट में आरोपी के बचाव में उसके वकील ने कहा था कि उसने कोई अपराध नहीं किया है और उसे झूठा फंसाया गया है। हालांकि, वकील ने स्वीकार किया कि एक वीडियो में आरोपी को पाकिस्तान समर्थक नारा लगाते हुए देखा गया था। जबकि सरकारी वकील ने जमानत का पुरजोर विरोध करते हुए तर्क दिया कि आरोपी एक आदतन अपराधी है और उसके खिलाफ पहले से ही लगभग 13 मामले दर्ज हैं। वीडियो में आरोपी को खुलेआम भारत देश के खिलाफ नारे लगाते देखा जा सकता है जहां वह पैदा हुआ और पला-बढ़ा। सरकार के वकील ने तर्क दिया कि अगर आरोपी भारत में खुश नहीं है, तो वह अपनी पसंद के देश में रहने का विकल्प चुन सकता है जिसके लिए उसने ‘जिंदाबाद’ का नारा लगाया था।