newsroompost
  • youtube
  • facebook
  • twitter

India Reprimanded Bangladesh For Murder Of Hindu Leader : बहाना बनाए बिना अल्पसंख्यकों की सुनिश्चित सुरक्षा करे बांग्लादेश, हिंदू नेता की हत्या पर भारत ने लगाई फटकार

India Reprimanded Bangladesh For Murder Of Hindu Leader : भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने अपने बयान में कहा कि हम भाबेश चंद्र रॉय के अपहरण और क्रूर हत्या को लेकर चिंतित हैं। यह हत्या बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के तहत हिंदू अल्पसंख्यकों के उत्पीड़न के पैटर्न का अनुसरण करती है, जबकि पिछली ऐसी घटनाओं के अपराधी अभी भी बिना किसी दंड के भयमुक्त होकर घूम रहे हैं।

नई दिल्ली। बांग्लादेश के दिनाजपुर जिले में हिंदू नेता भाबेश चंद्र रॉय की निर्मम हत्या को लेकर भारत ने कड़ा विरोध जताया है। भारत ने एक बार फिर बांग्लादेश को फटकार लगाते हुए इस हत्याकांड में शामिल लोगों की पहचान कर उनके खिलाफ सख्त कदम उठाने को कहा है। भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने अपने बयान में कहा कि हम इस घटना की निंदा करते हैं और एक बार फिर अंतरिम सरकार को याद दिलाते हैं कि वह बिना किसी बहाने या भेदभाव के हिंदुओं सहित सभी अल्पसंख्यकों की रक्षा करने की अपनी जिम्मेदारी को पूरा करे।

हिंदू नेता भाबेश चंद्र रॉय की फाइल फोटो

जायसवाल ने कहा कि हम बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यक नेता भाबेश चंद्र रॉय के अपहरण और क्रूर हत्या को लेकर चिंतित हैं। यह हत्या बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के तहत हिंदू अल्पसंख्यकों के उत्पीड़न के पैटर्न का अनुसरण करती है, जबकि पिछली ऐसी घटनाओं के अपराधी अभी भी बिना किसी दंड के भयमुक्त होकर घूम रहे हैं। बता दें कि बांग्लादेश पूजा उद्यापन परिषद की बिराल इकाई के उपाध्यक्ष भबेश चंद्र राय को बाइक पर सवार लोगों ने अगवा कर लिया फिर उनको इतना मारा कि उनकी मौत हो गई। इस हत्या से एक दिन पहले ही बांग्लादेश ने पश्चिम बंगाल में हिंसा को लेकर भारत को ज्ञान देने की कोशिश की थी। हालांकि तब भी भारत ने उसकी बोलती बंद करा दी थी।

बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस के प्रेस सचिव शफीकुल आलम ने भारत से बंगाल में हिंसा प्रभावित अल्पसंख्यक मुस्लिमों की रक्षा करने की बात कही थी। इस पर रणधीर जायसवाल ने दो टूक शब्दों में जवाब देते हुए कहा था कि बांग्लादेश खुद के गिरेबान में झांके। उन्होंने कहा था कि बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के खिलाफ जघन्य अपराधों का सिलसिला लगभग एक साल से जारी है इसके बावजूद इनमें शामिल लोगों पर कार्रवाई के बजाए दूसरों के मामलों में हस्तक्षेप करने का कटुतापूर्ण प्रयास उसके द्वारा किया जा रहा है।