नई दिल्ली। बीएपीएस श्री स्वामीनारायण संस्था को मानवीय सहायता और आध्यात्मिकता के क्षेत्र में सराहनीय कार्य के लिए मंगलवार को वैश्विक प्रशंसा और सराहना मिली। वर्जीनिया की राष्ट्रमंडल महासभा ने सभी प्रतिनिधियों की उपस्थिति में बीएपीएस मंदिर संस्था के सराहनीय कार्यों को मान्यता दी और उसकी सराहना की।
महासभा के संरक्षक कन्नन श्रीनिवासन ने संगठन की भरपूर प्रशंसा करते हुए कहा कि बोचासनवासी अक्षर पुरुषोत्तम स्वामीनारायण संस्था (बीएपीएस) एक सामाजिक आध्यात्मिक संगठन और मंदिर है। उनकी स्वयंसेवक-संचालित फ़ेलोशिप व्यक्तिगत विकास को बढ़ावा देने और आस्था, सेवा और वैश्विक सद्भाव के हिंदू मूल्यों को बढ़ावा देकर समाज को बेहतर बनाने के लिए समर्पित है। वर्जीनिया की राष्ट्रमंडल महासभा ने एक प्रेस नोट में कहा कि बीएपीएस श्री स्वामीनारायण मंदिर ने आध्यात्मिक मार्गदर्शन और पूजा, फेलोशिप और सामुदायिक आउटरीच के तमाम अवसरों के माध्यम से अपने सदस्यों के जीवन को समृद्ध किया है।
इसमें आगे कहा गया कि बीएपीएस मंदिर स्वास्थ्य की देखभाल और कल्याण पर प्रस्तुतियों, स्थानीय और राष्ट्रीय संगठनों और एजेंसियों को लाभ पहुंचाने के लिए वॉकथॉन और महिलाओं को सशक्त बनाने और उत्थान के लिए सम्मेलनों के माध्यम से सक्रिय रूप से स्थानीय समुदाय का समर्थन करता है। महासभा ने अपने बयान में कहा है, “बीएपीएस श्री स्वामीनारायण मंदिर विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से युवाओं से जुड़ता है और उनका पोषण करता है, उन्हें ईमानदार नागरिकों और भविष्य के नेताओं के लिए तैयार करता है।” बता दें कि बीएपीएस संस्था के वर्तमान में राष्ट्रमंडल में पांच सहित 30 से अधिक राज्यों में 350 से अधिक अध्याय हैं।