नई दिल्ली। बीएपीएस संस्था की ओर से अभय स्वरूप स्वामी एवं तीर्थस्वरूप स्वामी ने महाराष्ट्र के नवनियुक्त राज्यपाल सी.पी. राधाकृष्ण को बधाई दी। बीएपीएस संस्था ने राज्यपाल के सफल कार्यकाल के लिए प्रार्थना करते हुए उनके द्वारा भविष्य में भी मानवतावादी कार्य किए जाने की बात कही। इस दौरान राज्यपाल सी.पी. राधाकृष्ण ने परम पावन प्रमुख स्वामी महाराज और परम पावन महंत स्वामी महाराज की मधुर स्मृतियों को याद किया।
बीएपीएस यानी बोचासनवासी अक्षर पुरुषोत्तम स्वामीनारायण संस्था एक आध्यात्मिक, स्वयंसेवक-संचालित फ़ेलोशिप है जो आस्था, सेवा और वैश्विक सद्भाव के हिंदू मूल्यों को बढ़ावा देकर व्यक्तिगत विकास के माध्यम से समाज को बेहतर बनाने के लिए समर्पित है। समय-समय पर संस्था की ओर से कई कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। इस सस्था की नींव भगवान स्वामीनारायण ने 18वीं शताब्दी के आखिरी में रखी थी। बाद में साल 1907 में शास्त्रीजी महाराज ने विधिवत इसकी स्थापना की।
परम पूज्य महंतस्वामी महाराज के सानिध्य में संस्था द्वारा इसी साल अप्रैल में धर्म, ज्ञान और भक्ति पर चिंतन संबंधी संत शिविर का आयोजन किया गया था। इस शिविर में लगभग 700 संत शामिल हुए थे। स्वामीनारायण संप्रदाय के लोग भक्ति संप्रदाय को मानते हैं। स्वामीनारायण संप्रदाय की मान्यता है कि बिना किसी संत की शरण में जाए मनुष्य का उद्धार नहीं हो सकता है। बीएपीएस स्वामीनारायण संस्था के आज दुनिया भर में 1200 से ज्यादा मंदिर हैं, जिसमें विदेशों में सर्वाधिक संख्या अमेरिका में है। वहीं भारत में स्वामीनारायण संस्था के छोटे-बड़े मिलाकर लगभग 800 से ज्यादा मंदिर हैं।
हाल ही में मुस्लिम देश यूएई में भी संस्था द्वारा मंदिर बनावाया गया जिसका उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसी साल फरवरी में किया है। इससे पहले जनवरी में भारत के चीफ जस्टिस डी.वाई. चंद्रचूड़ मुंबई के दादर स्थित बीएपीएस स्वामीनारायण मंदिर में दर्शन के लिए पहुंचे थे। सीजेआई चंद्रचूड़ ने मंदिर में श्री नीलकांत वर्णी महाराज से आशीर्वाद लिया। स्वामीनारायण मंदिर में चीफ जस्टिस चंद्रचूड़ ने भगवान स्वामीनारायण की विधि विधान से पूजा भी की। जस्टिस चंद्रचूड़ ने स्वामीनारायण संप्रदाय की ओर से किए जा रहे तमाम कार्यों की सराहना की करते हुए स्वामीनारायण संप्रदाय के द्वारा किए जा रहे कार्यों को मानवता के लिए ईश्वरीय प्रेरणा से ओतप्रोत बताया था।