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BAPS Swaminarayan Sanstha Celebrated World Ocean Day : बीएपीएस स्वामीनारायण संस्था ने आध्यात्मिकता और पर्यावरणीय प्रतिबद्धता के साथ मनाया विश्व महासागर दिवस

BAPS Swaminarayan Sanstha Celebrated World Ocean Day : विश्व महासागर दिवस के अवसर पर 8 जून को बीएपीएस के स्वयंसेवकों ने मुंबई के जुहू बीच पर स्वच्छता अभियान चलाया। इस दौरान वहां पर मौजूद लोगों को इसके प्रति जागरूक भी किया। स्वयंसेवकों ने वैश्विक शांति, पारिस्थितिक संतुलन तथा सभी जीवों की भलाई के लिए प्रार्थना की।

नई दिल्ली। बीएपीएस स्वामीनारायण संस्था ने मुंबई के जुहू बीच पर भक्ति, पर्यावरणीय क्रियाओं और जन-जागरूकता के एक गहरे सम्मिलन के साथ 8 जून को विश्व महासागर दिवस मनाया। इस दौरान ना सिर्फ जुहू बीच पर स्वच्छता अभियान चलाया गया बल्कि लोगों को इसके प्रति जागरूक भी किया गया। बीएपीएस संस्था अपने आध्यात्मिक मूल्यों और निःस्वार्थ सेवा के प्रति अपनी अटूट प्रतिबद्धता के लिए विश्व स्तर पर प्रसिद्ध है। बीएपीएस के युवा स्वयंसेवक बड़ी में रविवार सुबह जुहू बीच पर हिंद महासागर के तट पर एकत्र हुए और वैश्विक शांति, पारिस्थितिक संतुलन तथा सभी जीवों की भलाई के लिए प्रार्थना की।

बीएपीएस के युवा स्वयंसेवकों की भक्ति भरी उपस्थिति इस बात की पुष्टि करती है कि बीएपीएस के लिए आध्यात्मिकता और सेवा अलग-अलग नहीं हैं, बल्कि यह दोनों एक-दूसरे से गहराई से जुड़े हुए हैं। प्रार्थना के पश्चात, बीएपीएस के स्वयंसेवकों ने जुहू बीच पर एक व्यापक सफाई अभियान चलाया, जिसमें उन्होंने समुद्र के किनारे से प्लास्टिक, अपघटनीय कचरा और मलबा हटाया। बीएपीएस स्वयंसेवकों की अनुशासित और अथक मेहनत ने पर्यावरण संरक्षण के प्रति आंतरिक समर्पण को दर्शाया।

महंत स्वामी महाराज की प्रेरणा-सेवा और संरक्षण का आह्वान 

बीएपीएस के परम पूज्य महंत स्वामी महाराज की आध्यात्मिक अगुवाई में, बीएपीएस संस्था आंतरिक परिवर्तन और सामाजिक कल्याण दोनों को लेकर सतत प्रयासरत है। पर्यावरणीय अभियानों, मानवीय सेवा और जागरूकता कार्यक्रमों के माध्यम से बीएपीएस एक सहानुभूतिपूर्ण और टिकाऊ भविष्य की संस्कृति का निर्माण कर रही है।

बीएपीएस स्वयंसेवकों ने लोगों को किया जागरूक

इतना ही नहीं बीएपीएस स्वयंसेवकों ने समुद्र के किनारे बीच पर आए लोगों से समुद्री प्रदूषण, कचरा प्रबंधन और पर्यावरणीय जागरूकता पर चर्चा भी की। उनका उद्देश्य लोगों से केवल जानकारी साझा करना नहीं था, बल्कि लोगों को इस बात के लिए प्रेरित करना भी था कि वो भी पर्यावरण के संरक्षण में अपनी भागीदारी निभाएं। बता दें कि 1992 से विश्व महासागर दिवस यह दर्शाता आ रहा है कि महासागर जीवन के लिए कितने महत्वपूर्ण हैं। सनातन धर्म में महासागर को पवित्रता, गहराई और दिव्य संतुलन का प्रतीक मानते हुए एक दिव्य सत्ता के रूप में पूजा जाता है।

भक्ति से प्रेरित भविष्य की नींव 

कार्यक्रम का समापन महासागरों की रक्षा और भविष्य की पीढ़ियों के लिए पर्यावरण को संरक्षित रखने की सामूहिक प्रतिज्ञा के साथ हुआ। यह पहल बीएपीएस की इस मान्यता का प्रत्यक्ष उदाहरण है कि सच्ची भक्ति सेवा के माध्यम से व्यक्त होती है और ईश्वर की भक्ति में उसकी सृष्टि की सेवा भी शामिल है। बीएपीएस स्वामीनारायण संस्था अपनी वैश्विक सेवाओं के माध्यम से आध्यात्मिक नेतृत्व, नागरिक उत्तरदायित्व और पर्यावरणीय संरक्षण की प्रेरणा देती रहेगी।