
नई दिल्ली। बीएपीएस स्वामीनारायण संस्था के समर्पित स्वयंसेवक बीरेन पटेल का वडोदरा में स्थित बीएपीएस शास्त्रीजी महाराज अस्पताल में ब्रेन स्ट्रोक के चलते 8 मार्च को असमय निधन हो गया। बीरेन पटेल भले ही आज हमारे बीच नहीं हैं मगर जाते-जाते वो एक ऐसा काम कर गए जिससे मृत्यु के पश्चात भी उनको याद रखा जाएगा। बीरेन पटेल खुद तो चिर निद्रा में सो गए मगर अंगदान के जरिए छह लोगों को नया जीवन दे गए। उन्होंने अपनी मृत्यु को भी सेवा का महान अवसर बना दिया और अंगदान से अमरत्व को प्राप्त हो गए। बीरेन पटेल का यह निःस्वार्थ बलिदान उनकी सेवा और करुणा के जीवन मूल्यों का प्रमाण है।
बीरेन पटेल को 27 फरवरी को अचानक हुए ब्रेन स्ट्रोक हुआ के बाद वडोदरा स्थित बीएपीएस शास्त्रीजी महाराज अस्पताल में भर्ती कराया गया था। 5 मार्च को उनकी न्यूरोसर्जरी हुई, जिसके बाद उनकी हालत में सुधार हो रहा था। मगर शनिवार 8 मार्च को उनकी तबीयत फिर से बिगड़ गई और डॉक्टरों के अथक प्रयासों के बावजूद उसी दोपहर उन्हें ब्रेन डेड घोषित कर दिया गया। अथाह दु:ख के इस क्षण में भी प्रमुख स्वामी महाराज के जीवन सूत्र ‘दूसरे के सुख में अपना सुख’ से प्रेरणा लेते हुए बीरेन पटेल के परिजनों ने जो खुद भी बीएपीएस स्वामीनारायण संस्था से गहराई से जुड़े हैं, उनके हृदय, जिगर (लीवर), गुर्दे (किडनी) और आंखें दान करने का निर्णय लिया।
BAPS के स्वयंसेवक बीरेन पटेल ने 6 लोगों को दिया नया जीवन।अपनी मृत्यु को भी बना दिया सेवा का महान अवसर और अंगदान से अमरत्व को प्राप्त हो गए। pic.twitter.com/K6elhIW1ek
— Anurag Mishra (@Anurag6403) March 10, 2025
बीरेन पटेल के शरीर के अंगों से 6 लोगों को नया जीवन मिला। उनकी आंखें वडोदरा के सयाजी अस्पताल में दान की गईं, जिससे दो लोगों को नई रोशनी मिली। उनका हृदय, जिगर और गुर्दे ग्रीन कॉरिडोर के माध्यम से शीघ्रता से अहमदाबाद पहुंचाए गए ताकि वो गंभीर रूप से जरूरतमंद मरीजों तक समय पर पहुंच सकें। बीएपीएस के मानवीय प्रयासों के प्रति बीरेन पटेल की निष्ठा और उनकी अंतिम भेंट ने न केवल कई जीवन बचाए, बल्कि अनगिनत लोगों को निःस्वार्थ सेवा की भावना अपनाने के लिए प्रेरित भी किया।
BAPS के स्वयंसेवक बीरेन पटेल ने 6 लोगों को दिया नया जीवन।अपनी मृत्यु को भी बना दिया सेवा का महान अवसर और अंगदान से अमरत्व को प्राप्त हो गए। pic.twitter.com/YYyuq5gWl4
— Anurag Mishra (@Anurag6403) March 10, 2025
बीएपीएस (बोचासनवासी अक्षर पुरुषोत्तम स्वामीनारायण) संस्था समाज की सेवा के प्रति अपनी आध्यात्मिक मार्गदर्शन और प्रभावशाली सामाजिक सेवा के माध्यम से प्रतिबद्ध रही है। मुंबई, अहमदाबाद, वडोदरा, सूरत, बोटाद और डभोई में बीएपीएस के द्वारा छह अस्पतालों का संचालन किया जा रहा है जहां असंख्य व्यक्तियों को महत्वपूर्ण स्वास्थ्य सेवा प्रदान की जाती हैं। इसके अतिरिक्त, बीएपीएस आठ मोबाइल मेडिकल डिस्पेंसरी भी चलाता है जिनके माध्यम से दूरस्थ और वंचित क्षेत्रों में चिकित्सा सेवा प्रदान की जाती है। इन गतिविधियों के माध्यम से, बीएपीएस प्रतिवर्ष लाखों लोगों के जीवन को सकारात्मक रूप से प्रभावित करता है। यह बीएपीएस की निःस्वार्थ सेवा और समाज के उत्थान के प्रति अटूट प्रतिबद्धता का प्रमाण है।