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What Are 3 New Criminal Laws In Hindi: 1 जुलाई से अपराधियों पर भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम के तहत चलेगा केस; जानिए इनकी खास बातें

What Are 3 New Criminal Laws In Hindi: आईपीसी को अंग्रेजों ने 1857 की क्रांति के बाद 1860 में लागू किया था। जबकि, सीआरपीसी को 1898 और भारतीय साक्ष्य एक्ट को 1872 में लागू किया गया था। इनमें दंड पर जोर दिया गया था। जबकि, नए कानूनों में न्याय दिलाने पर सरकार ने फोकस किया है।

नई दिल्ली। 1 जुलाई यानी सोमवार से 3 आपराधिक कानून यानी आईपीसी, सीआरपीसी और साक्ष्य एक्ट की जगह भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम लागू होने जा रहे हैं। आईपीसी को अंग्रेजों ने 1857 की क्रांति के बाद 1860 में लागू किया था। जबकि, सीआरपीसी को 1898 और भारतीय साक्ष्य एक्ट को 1872 में लागू किया गया था।

आईपीसी में 511 धाराएं थीं। इनकी जगह लाए गए भारतीय न्याय संहिता में 358 धाराएं रखी गई हैं। इनमें 20 नए अपराध की धाराएं शामिल हैं। वहीं, 33 अपराध में सजा बढ़ाई गई है। 83 अपराध के लिए जुर्माना बढ़ाया गया है। 6 अपराध में सामुदायिक सेवा का प्रावधान है। सीआरपीसी में 484 धाराएं थीं। इसकी जगह लाए गए भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता में 531 धाराएं हैं। इनमें 177 धाराएं बदली गई हैं। 9 नई धाराएं और 39 उप धाराएं भी नागरिक सुरक्षा संहिता में जोड़ी गई हैं। 35 धाराओं में समयसीमा भी तय की गई है।

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भारतीय साक्ष्य अधिनियम में 170 प्रावधान किए गए हैं। पिछले कानून में 167 धाराएं थीं। साक्ष्य अधिनियम में 24 प्रावधान बदले गए हैं। केंद्र सरकार ने दिसंबर 2023 में लोकसभा और फिर राज्यसभा में तीनों नए आपराधिक कानून पास कराए थे। भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम में दंड की जगह न्याय पर जोर दिया गया है। इसमें राजद्रोह की जगह देशद्रोह रखा गया है। वहीं, हत्या की 302 धारा की जगह 101 धारा रखी है। रेप के मामलों में 376 की जगह 63 और 70 रखी हैं। धोखाधड़ी करने की धारा 420 की जगह 316 लागू होगा। तमाम और धाराओं के स्थान भी बदले गए हैं। विपक्ष के तमाम दलों की तरफ से नए आपराधिक कानूनों को लागू न करने की मांग लगातार की जाती रही है। वहीं, केंद्र की बीजेपी सरकार ने साफ कर दिया है कि 1 जुलाई से भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम हर हाल में लागू किए जाएंगे।