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Bill On Reservation In Private Sector: अब प्राइवेट सेक्टर में भी लागू होगा आरक्षण?, जानिए लोकसभा में किसने पेश किया बिल

Bill On Reservation In Private Sector: प्राइवेट सेक्टर में आरक्षण लागू करने की बात नई नहीं है। काफी वक्त से इसकी मांग उठती रही है। अब लोकसभा में भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर ने इस बारे में बिल पेश किया है। अब तक सरकारी नौकरियों में ही एससी, एसटी और ओबीसी को आरक्षण मिलता रहा है।

नई दिल्ली। क्या सरकारी के बाद अब प्राइवेट सेक्टर में भी अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और ओबीसी को आरक्षण लागू हो जाएगा? ये अहम सवाल इसलिए क्योंकि लोकसभा में इस बारे में बिल पेश किया गया है। ये बिल मोदी सरकार नहीं लाई है। प्राइवेट सेक्टर में आरक्षण का ये बिल भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर ने पेश किया है। चंद्रशेखर ने शुक्रवार को लोकसभा में बिल पेश करते हुए कहा कि सरकारी नौकरियों की संख्या कम हो गई है। ऐसे में प्राइवेट सेक्टर में आरक्षण दिए जाने की जरूरत है।

प्राइवेट सेक्टर में एससी, एसटी और ओबीसी को आरक्षण दिए जाने संबंधी इस बिल को चंद्रशेखर का मास्टरस्ट्रोक भी कहा जा सकता है। इसकी वजह ये है कि आरक्षण बहुत संवेदनशील मसला है। राज्यों में सरकारें इस मसले पर बनती और गिरती रही हैं। कोई भी पार्टी ऐसी नहीं है, जो आरक्षण के खिलाफ आवाज उठा सके। हाल में हुए लोकसभा चुनाव में भी आरक्षण का मसला उठा था। विपक्ष ने लामबंद होकर ये कहा था कि बीजेपी सरकार बनी, तो संविधान के तहत दिया जा रहा आरक्षण खत्म कर देगी। नतीजे में बीजेपी को यूपी और बिहार में काफी सीटें गंवानी पड़ गईं। ऐसे में चंद्रशेखर की तरफ से लाए गए बिल पर विरोध की आवाज उठना संभव नहीं दिख रही।

 

प्राइवेट सेक्टर में आरक्षण लागू करने की बात नई नहीं है। काफी वक्त से इसकी मांग उठती रही है। खास बात ये भी है कि चंद्रशेखर की तरफ से प्राइवेट सेक्टर में आरक्षण का जो बिल पेश किया गया है, उसने यूपी में बीजेपी, समाजवादी पार्टी और बीएसपी के लिए भी मुश्किल खड़ी की है। तीनों के सामने मुश्किल ये है कि अगर बिल का समर्थन नहीं करते हैं, तो उनको आरक्षण विरोधी बताया जाएगा। फिलहाल माना जा रहा है कि चंद्रशेखर के बिल को लोकसभा की सेलेक्ट कमेटी में भेजा जा सकता है। इस पर वहां चर्चा कर प्राइवेट सेक्टर में आरक्षण का कानून बने या न बने, इसका फैसला होगा। खास बात ये है कि संविधान में सरकारी नौकरियों में आरक्षण देने के बाबत तो लिखा गया है, लेकिन प्राइवेट सेक्टर पर कुछ नहीं लिखा है। जाहिर है, प्राइवेट सेक्टर में आरक्षण देने के लिए संविधान संशोधन करना होगा। यहां गौर करने की बात ये भी है कि बीते दिनों कर्नाटक की कांग्रेस सरकार ने प्राइवेट सेक्टर में राज्य के लोगों को आरक्षण देने का बिल लाने का एलान किया था, लेकिन उद्योगपतियों के जबरदस्त विरोध के बाद कदम वापस खींच लिया।