नई दिल्ली। पिछले कई माह से मणिपुर में स्थिति हिंसात्मक बनी हुई है। बेशुमार लोग अपनी जान गंवा चुके हैं, तो वहीं ना जाने कितने अभी अस्पताल में जिंदगी और मौत से जंग लड़ रहे हैं। वहीं, बीते दिनों तो हद ही हो गई थी, जब वहां उपद्रवियों ने दो महिलाओं को नग्न कर उनसे परेड कराई थी। इस शर्मनाक कृत्य का वीडियो सामने आने के बाद भारत ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया में इसकी आलोचना हुई थी। उन दिनों संसद का मानसून सत्र चल रहा था। संसद में शिरकत करने से पूर्व खुद प्रधानमंत्री मोदी ने इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना पर दुख व्यक्त किया और आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की बात कही थी। वहीं, संसद में केंद्र ने यथाशीघ्र शांति बहाली की बात कही थी, लेकिन आपको बता दें कि शर्मनाक कृत्य के इतने दिन बीत जाने के बावजूद भी राज्य में स्थिति दुरूस्त नहीं हो पाई है। अभी-भी पूर्वोत्तर का यह सूबा हिंसा की आग में झुलस रहा है। जिसके बाद सरकार की गंभीरता पर सवाल उठना लाजिमी है।
Big #BREAKING #Manipur: 4 accused involved in the murder of the two students including a minor girl from #Imphal, have been arrested by CBI, confirms CM #NBirenSingh. #CBI along with para military forces conducted the operation & arrested 4 from #Churachandpur. Remember there has…
— Tamal Saha (@Tamal0401) October 1, 2023
जानें पूरा माजरा
दरअसल, खबर है कि इंफाल की एक नाबालिग लड़की सहित दो छात्रों की हत्या में शामिल 4 आरोपियों को सीबीआई ने गिरफ्तार कर लिया है। सीएम एन बीरेन सिंह ने खुद इसकी पुष्टि की है। सीबीआई ने अर्धसैनिक बलों के साथ मिलकर ऑपरेशन चलाया और चुराचांदपुर से 4 लोगों को गिरफ्तार किया। बता दें कि बीते 25 सितंबर को दो छात्रों की तस्वीरें सामने आने के बाद उनकी मौत की पुष्टि होने के बाद घाटी के इलाकों में व्यापक विरोध प्रदर्शन हुआ था। जिसके बाद वो 6 जुलाई को लापता हो गए थे। इस हत्या के बाद सूबे में लोगों ने आक्रोश जताया था, लेकिन सामने आ रही इन घटनाओं से एक बात तो साफ हो चुकी है कि सूबे में अभी-भी हालात दुरूह बने हुए हैं। मौजूदा स्थिति को दुरूस्त करने के सारे दावे खोखले साबित हो रहे हैं। बीते दिनों संसद के मानसून सत्र में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने विपक्ष के सवाल का जवाब देते हुए कहा था कि मणिपुर की मौजूदा स्थिति जटिल है जिसका जिम्मेदार पूर्व की कांग्रेस सरकार भी है। लिहाजा इसे दुरूस्त होने में समय लगेगा। आइए, आगे जानते हैं कि आखिर पूर्वोत्तर के इस सूबे में क्यों भड़की हिंसा?
मणिपुर में क्यों भड़की हिंसा?
दरअसल, मणिपुर में कुकी और मैती समुदाय के बीच आरक्षण को लेकर अर्सों पुराना विवाद है, लेकिन बीते मई माह में इंफाल हाईकोर्ट ने मैती समुदाय को आरक्षण दिए जाने के पक्ष में फैसला सुनाया था, जिसका कुकी समुदाय ने विरोध किया, लेकिन बाद में यह विरोध हिंसा का रूख अख्तियार कर गया, जिसने देखते ही देखते पूरे सूबे को अपने चपेट में ले लिया।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, अब तक कई लोग हिंसा की जद में आकर अपनी जान गंवा चुके हैं, लेकिन बीते दिनों जिस तरह से दो महिलाओं की आबरू पर कुछेक दरिंदों ने प्रहार किया, उसने पूरे देश का सिर शर्म से झुका दिया, लेकिन इसके बावजूद भी हिंसा का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। अब ऐसे में सरकार की ओर से क्या कुछ कदम उठाए जाते हैं। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी।