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Cyber Security: गृह मंत्रालय के I4C विंग की बड़ी कार्रवाई, 6 लाख मोबाइल फोन और 65 हजार साइबर फ्रॉड URLs बंद

Cyber Security: सूत्रों के मुताबिक, I4C ने साइबर अपराध में शामिल 800 से ज्यादा एप्लिकेशन्स को भी ब्लॉक कर दिया है। 2023 में NCRP पर 1 लाख से अधिक इन्वेस्टमेंट स्कैम्स की शिकायतें दर्ज की गई थीं, जिसमें 17 हजार से अधिक एफआईआर पूरे देश में दर्ज की गई हैं।

नई दिल्ली। गृह मंत्रालय का साइबर विंग I4C  लगातार साइबर अपराध पर नकेल कसने के लिए अहम कदम उठा रहा है। इसी क्रम में सरकार ने 6 लाख से अधिक मोबाइल फोन बंद कर दिए हैं, जो साइबर फ्रॉड में लिप्त थे। इसके अलावा, 65 हजार साइबर फ्रॉड करने वाले URLs को भी ब्लॉक किया गया है। सूत्रों के मुताबिक, I4C ने साइबर अपराध में शामिल 800 से ज्यादा एप्लिकेशन्स को भी ब्लॉक कर दिया है। 2023 में NCRP पर 1 लाख से अधिक इन्वेस्टमेंट स्कैम्स की शिकायतें दर्ज की गई थीं, जिसमें 17 हजार से अधिक एफआईआर पूरे देश में दर्ज की गई हैं।

साइबर विंग द्वारा उठाए गए मुख्य कदम

1. Mule Accounts पर कार्रवाई: पिछले 4 महीनों में 3.25 लाख से अधिक फ्रॉड करने वाले अकाउंट्स (Mule Accounts) को डेबिट फ्रीज कर दिया गया।
2. सोशल मीडिया और व्हाट्सएप पर नकेल: साइबर अपराध में इस्तेमाल किए जा रहे 3401 सोशल मीडिया अकाउंट्स, वेबसाइट्स और व्हाट्सएप ग्रुप्स को बंद कर दिया गया।
3. वित्तीय सुरक्षा: पिछले कुछ वर्षों में साइबर फ्रॉड की वजह से 2800 करोड़ रुपये की राशि बचाई गई।
4. साइबर विक्टिम को बचाव: MHA ने 8 लाख 50 हजार साइबर विक्टिम्स को फ्रॉड से बचाया।


साइबर अपराध से निपटने के लिए उठाए गए बड़े कदम:

1. राष्ट्रीय स्तर पर कोऑर्डिनेशन सेंटर: देशभर में साइबर अपराध के मामलों को संभालने के लिए एक राष्ट्रीय स्तर का समन्वय केंद्र (कोऑर्डिनेशन सेंटर) स्थापित किया गया है।
2. साइबर अपराध की शिकायतें दर्ज करने में मदद: नागरिकों के लिए साइबर अपराध से जुड़ी शिकायतें आसानी से दर्ज करने की व्यवस्था।
3. कानून प्रवर्तन एजेंसियों को मदद: साइबर अपराध की रोकथाम के लिए राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की पुलिस को तकनीकी और कानूनी मदद प्रदान की जा रही है।
4. साइबर अपराध प्रवृत्तियों की पहचान: साइबर अपराध की बदलती प्रवृत्तियों और पैटर्न की निगरानी की जा रही है।
5. साइबर जागरूकता: जनता के बीच साइबर अपराध से जुड़ी जागरूकता बढ़ाने के लिए दिशा-निर्देश जारी किए जा रहे हैं।
6. डिजिटल अरेस्ट पर अलर्ट: डिजिटल अरेस्ट की बढ़ती घटनाओं को देखते हुए राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की पुलिस को अलर्ट किया जा रहा है।
7. साइबर कमांडो की ट्रेनिंग: अगले पांच वर्षों में 5,000 साइबर कमांडो को प्रशिक्षित और तैयार किया जाएगा।

 I4C विंग क्या है?

I4C विंग की स्थापना 5 अक्टूबर 2018 को गृह मंत्रालय के साइबर और सूचना सुरक्षा प्रभाग (CIS डिवीजन) के अंतर्गत की गई थी। इसका उद्देश्य साइबर अपराध से निपटने के लिए एक राष्ट्रीय स्तर का समन्वय केंद्र स्थापित करना है, जो देशभर के राज्यों के कंट्रोल रूम से जुड़ा होता है। यह केंद्र हाई प्रायोरिटी साइबर अपराध मामलों की निगरानी करता है और साइबर अपराधों में फर्जी कार्ड और अकाउंट्स का पता लगाने के साथ-साथ, जांच में सहयोग प्रदान करता है।