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ATS Raids: यूपी एटीएस की PFI के खिलाफ बड़ी कार्रवाई, इन ठिकानों पर की छापेमारी, दो इनामी बदमाश गिरफ्तार

ATS Raids: यूपी एटीएस ने रविवार प्रतिबंधित संगठन से जुड़े 30 ठिकानों पर छापेमारी की। जिसमें मेरठ, मुरादाबाद, वाराणसी, आजमगढ़, बहराइच, बाराबंकी, लखनऊ समेत कुछ अन्य शहर भी शामिल हैं। एटीएस ने यह कार्रवाई कट्टरता फैलाने क आरोप में इन संगठनों के खिलाफ यह शिकंजा कसा है।

नई दिल्ली। कर्नाटक विधानसभा चुनाव में बेशक कांग्रेस ने पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) पर प्रतिबंध लगाने का ऐलान अपने चुनावी घोषणापत्र में अब किया हो, लेकिन हकीकत तो यह है कि केंद्र की मोदी सरकार पिछले कई माह से इस प्रतिबंधित संगठन पर शिकंजा कस रही है। सनद रहे कि गत वर्ष केंद्र ने आतंकी गतिविधियों में संलिप्त होने के आरोप  में इस संगठन पर प्रतिबंध लगा दिया था और अब इसके अनुसांगिक संगठनों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा रही है। अब इसी बीच यूपी एसटीएस ( UP, ATS) ने रविवार को इस प्रतिबंधित संगठन के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की है। आइए, आगे आपको इसके बारे में विस्तार से बताते हैं।

pfi flag

जानें बड़ा माजरा

दरअसल, यूपी एटीएस ने रविवार को प्रतिबंधित संगठन से जुड़े 30 ठिकानों पर छापेमारी की। जिसमें मेरठ, मुरादाबाद, वाराणसी, आजमगढ़, बहराइच, बाराबंकी, लखनऊ समेत कुछ अन्य शहर भी शामिल हैं। एटीएस ने यह कार्रवाई कट्टरता फैलाने के आरोप में इन संगठनों के खिलाफ किया है। इसके अलावा दो इनामी बदमाशों को भी गिरफ्तार किया गया है। बता दें कि इन बदमाशों के खिलाफ 50 हजार रुपए का इनाम घोषित किया गया था। इस बीच यूपी एटीएस ने अपने बयान में क्या कुछ कहा है? आइए, आगे आपको इसके बारे में विस्तार से बताते हैं।

pfi rally file photo

यूपी एटीएस ने अपने बयान में क्या कहा?

वहीं, उक्त कार्रवाई पर यूपी एटीएस ने बयान भी जारी किया गया है, जिसमें कहा गया है कि परवेज अहमद और रईस अहमद यूएपीए के तहत एक मामले में फरार थे। इनके ऊपर 50 हजार रुपए का इनाम भी घोषित किया गया था। दोनों वाराणसी में कट्टरपंथी विचारधाराओं को फैलाने में संलिप्त थे, जिसे देखते इनकी गिरफ्तारी जरूरी थी। अब इनसे कई राज उगलवाए जाएंगे। यह यूएपीए सहित अन्य मामलों में वांछित थे।

कई दंगों में शामिल रह चुका है संगठन

बता दें कि पीएफआई कई दंगों में बतौर साजिशकर्ता की भूमिका निभा चुका है, जिसे देखते हुए बीते दिनों केंद्र की मोदी सरकार ने इस पर बैन लगा दिया था। साथ ही इसके विशालकाल आर्थिक साम्राज्य को भी तहस-नहस कर दिया गया था। वहीं, अभी-भी इस प्रतिबंधित संगठन के खिलाफ कार्रवाई जारी है। अब ऐसे में आगामी दिनों में इसके खिलाफ क्या कुछ कार्रवाई की जाती है। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी।