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Dara Singh Chauhan: अखिलेश यादव को तगड़ा झटका, दारा सिंह ने दिया इस्तीफा, हो सकते हैं अब इस पार्टी में शामिल

इसके बाद 2015 में उन्हें बीजेपी का दामन थाम लिया। जिसमें 2022 के विधानसभा चुनाव में जीत के बाद सरकार बनने के बाद योगी सरकार में उन्हें मंत्री भी बनाया गया था, लेकिन 2022 के चुनाव से पहले उन्हें लगा कि इस बार उन्हें टिकट नहीं दिया जाए, लिहाजा उन्होंने टिकट पाने की आस में सपा का दामन थाम लिया, लेकिन अब उन्होंने सपा से भी इस्तीफा दे दिया है।

नई दिल्ली। दारा सिंह ने समाजवादी पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने अपना इस्तीफा विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना को सौंप दिया है। कयास लगाए जा रहे हैं कि वो जल्द ही बीजेपी का दामन थाम सकते हैं। हालांकि, सपा में शामिल होने से पहले वो बीजेपी में ही थे, लेकिन 2022 के विधानसभा चुनाव से पूर्व वे सपा में शामिल हो गए थे। बीजेपी में रहने के दौरान वो योगी सरकार में वन पर्यावरण मंत्री थे। ध्यान दें कि सपा में शामिल होने के दौरान उन्होंने बीजेपी पर कई गंभीर आरोप भी लगाए थे। फिलहाल दारा सिंह दिल्ली में हैं। अब वो आगामी दिनों क्या कुछ कदम उठाते हैं। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी।

राजभर ने किया था ये दावा

बता दें कि बीते दिनों मीडिया से बातचीत के दौरान सुहलदेव समाज पार्टी के प्रमुख ओम प्रकाश राजभर ने दावा किया था कि वर्तमान में सपा में कई नेता अखिलेश यादव से नाराज हैं। जिनमें से आगामी दिनों में कई पार्टी भी छोड़ सकते हैं। अब गौर करने वाली बात यह है कि ओपी राजभर का उक्त दावा वास्तविकता में तब्दील होता हुआ नजर आ रहा है। इसके अलावा कयास लगाए जा रहे हैं कि आगामी दिनों में कई विधायक सपा से बीजेपी का दामन थाम सकते हैं। अगर ऐसा हुआ तो यह अखिलेश यादव के लिए बड़ा झटका हो सकता है।

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ध्यान दें कि साल 2022 के विधानसभा चुनाव से पूर्व जब दारा सिंह ने बीजेपी से इस्तीफा देकर सपा का दामन थामा था, तो उन्होंने बीजेपी पर कई गंभीर आरोप भी लगाए थे। उन्होंने कहा था कि 2017 में जब बीजेपी की सरकार बनी थी, तो यह दावा किया गया था कि सबका साथ सबका विकास होगा, लेकिन विकास कुछ ही लोगों का हुआ है। बीजेपी अपने नारे पर खऱी नहीं उतरी है। उन्होंने कहा था कि बीजेपी के राज में निर्धनों को बेशुमार दुश्वारियों से जूझना पड़ा है।

कौन हैं दारा सिंह

बता दें कि दारा सिंह पूर्वांचल के कद्दावर नेताओं में से एक माने जाते हैं। ऐसे में सपा से उनका इस्तीफा अखिलेश यादव के लिए बड़े झटके के रूप में देखा जा रहा है। दारा सिंह ने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत 1996 में की थी। वो 1996 से 2000 तक राज्यसभा सदस्य थे। 2009 में उन्होंने घोसी सीट पर बसपा की टिकट से लोकसभा चुनाव भी लड़ा था। जिसमें उन्हें जीत मिली थी।

इसके बाद 2015 में उन्होंने बीजेपी का दामन थाम लिया।  योगी सरकार में उन्हें मंत्री भी बनाया गया था। लेकिन, 2022 के चुनाव से पहले उन्हें लगा कि इस बार उन्हें टिकट नहीं मिलेगा, तो उन्होंने टिकट पाने की आस में सपा का दामन थाम लिया, लेकिन अब उन्होंने सपा से भी इस्तीफा दे दिया है और अब कयास लगाए जा रहे हैं कि वे जल्द घर वापसी कर सकते हैं यानी की बीजेपी में शामिल हो सकते हैं। बहरहाल, अब आगामी दिनों में सियासी मोर्चे पर वो क्या कुछ कदम उठाते हैं। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी।

अखिलेश को झटका

वहीं, दारा सिंह के इस्तीफे को अखिलेश यादव के लिए एक झटके के रूप में इसलिए भी देखा जा रहा है, क्योंकि पूर्वांचल में उनकी पैठ मजबूत थी और वर्तमान में वहां बीजेपी का दबदबा है।

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ऐसी स्थिति में अगर दारा सिंह सपा में ही रहते, तो आगामी लोकसभा चुनाव मे बहुत मुमकिन है कि इसका फायदा अखिलेश यादव की पार्टी को सियासी मोर्चे पर मिलता, लेकिन अब यह फायदा बीजेपी उठा सकती है।