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Gujarat AAP : गुजरात में केजरीवाल को तगड़ा झटका,ये AAP विधायक थामेंगे BJP का दामन: सूत्र

Gujarat AAP : गुजरात विधानसभा चुनाव की विसवादार सीट पर आम आदमी पार्टी ने शानदार जीत दर्ज की थी। वहीं इस सीट को लेकर सामने आई एक टीवी रिपोर्ट में दावा किया गया है कि आप के वो विधायक अपनी पार्टी को जॉइन करने के बजाय बीजेपी को बाहर से समर्थन करेंगे।

नई दिल्ली। गुजरात में आम आदमी पार्टी कितनी सीटें जीतने का दावा कर रही थी उतनी सीटों पर उसे जीत हासिल नहीं हुई है। लेकिन इसके बाद भी अरविंद केजरीवाल की मुसीबतें कम होने का नाम नहीं ले रही है। गुजरात विधानसभा चुनाव में पहली बार जीतने वाली आम आदमी पार्टी को अब बड़ा झटका लगा है। न्यूज चैनल आज तक की वेबसाइट की एक रिपोर्ट के मुताबिक, अरविंद केजरीवाल की पार्टी के विधायक भूपत भायाणी आज प्रचंड बहुमत के साथ सत्ता में वापसी करने वाली बीजेपी को समर्थन देंगे। आपको बता दें कि भयाणी विसवादार सीट से विधायक हैं।

गौरतलब है कि गुजरात विधानसभा चुनाव की विसवादार सीट पर आम आदमी पार्टी ने शानदार जीत दर्ज की थी। वहीं इस सीट को लेकर सामने आई एक टीवी रिपोर्ट में दावा किया गया है कि आप के वो विधायक अपनी पार्टी को जॉइन करने के बजाय बीजेपी को बाहर से समर्थन करेंगे। विसवादार सीट पर आप के भूपेंद्र भाई भयानी ने कांग्रेस और बीजेपी के उम्‍मीदवारों को पछाड़ दिया था। चुनाव आयोग की वेबसाइट के मुताबिक, यहां भूपेंद्र भाई ने 65675 मतों के साथ जीत दर्ज की थी। आप कैंडिडेट ने शुरुआती रुझानों से ही बढ़त बना रखी थी। उन्‍होंने बीजेपी के मौजूदा विधायक हर्षद कुमार को शिकस्‍त दी था। हर्षदकुमार को 58771 वोट मिले। वहीं तीसरे नंबर पर कांग्रेस के उम्‍मीदवार करशनभाई रहे, जिन्‍हें 16781 वोट मिले थे।

AAP & bjpध्रुव बनने की स्थिति में गुजरात कांग्रेस

आपको बता दें कि आम आदमी पार्टी के अलावा कांग्रेस को भी गुजरात चुनाव में निराशा हाथ लगी है क्योंकि हार्दिक पटेल और अल्पेश ठाकोर जैसे बड़े युवा नेताओं को खो देने के बाद कांग्रेस की स्थिति गुजरात में कमजोर हो गई थी। हालांकि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने रविवार को कहा कि कांग्रेस ही वह ‘ध्रुव’ बनने की सर्वश्रेष्ठ स्थिति में है, जिसके इर्द-गिर्द 2024 के आम चुनाव के लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) विरोधी मोर्चा गठित किया जा सकता है। चिदंबरम ने साथ ही कहा कि यदि हरियाणा और पंजाब को छोड़ दिया जाए तो दिल्ली के बाहर आम आदमी आदमी (आप) की कोई खास पॉपुलैरिटी नहीं है।