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Manipur Violence: मणिपुर में चिन-कुकी आतंकियों के खिलाफ सुरक्षाबलों की कार्रवाई तेज, बड़ी तादाद में हथियार बरामद; एंटी ड्रोन सिस्टम भी तैनात

Manipur Violence: मणिपुर में बीते कुछ दिनों से चिन-कुकी आतंकियों ने हमले तेज कर दिए हैं। चिन-कुकी आतंकियों ने ईस्ट इंफाल और बिष्णुपुर में ड्रोन के जरिए मैतेई बहुल गांवों में बम गिराए। वहीं, बिष्णुपुर जिले में इम्प्रोवाइज्ड रॉकेट भी दागे। अब चिन-कुकी आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई तेज हुई है।

इंफाल। मणिपुर में बीते कुछ दिनों से चिन-कुकी आतंकियों ने हमले तेज कर दिए हैं। चिन-कुकी आतंकियों ने ईस्ट इंफाल और बिष्णुपुर में ड्रोन के जरिए मैतेई बहुल गांवों में बम गिराए। वहीं, बिष्णुपुर जिले में इम्प्रोवाइज्ड रॉकेट भी दागे। इन हमलों में कई लोगों की जान गई और करीब एक दर्जन लोग घायल हुए। घरों को भी नुकसान पहुंचा। इस तरह के हमले देखते हुए अब मणिपुर में सुरक्षाबलों ने भी कमर कस ली है।

बीते दिनों चिन-कुकी आतंकियों ने बिष्णुपुर जिले में ऐसे इम्प्रोवाइज्ड रॉकेट भी दागे थे।

ताजा जानकारी के मुताबिक चिन-कुकी आतंकियों के कई ठिकानों पर सेना और केंद्रीय बलों के जवानों ने छापेमारी की। इस छापेमारी में बड़ी तादाद में हथियार बरामद किए गए। इसके अलावा ड्रोन से हमलों को रोकने के लिए ईस्ट इंफाल और बिष्णुपुर में एंटी ड्रोन सिस्टम भी तैनात किए गए हैं। इन सबके बीच मणिपुर के सीएम एन. बीरेन सिंह ने शनिवार को गवर्नर से मुलाकात कर उनको ताजा हालात की जानकारी दी। बीरेन सिंह ने ड्रोन हमलों के बाद कहा था कि ऐसा करने वालों को उनकी सरकार किसी सूरत में नहीं बख्शेगी। माना जा रहा है कि मणिपुर में मैतेई समुदाय को निशाना बना रहे चिन-कुकी आतंकियों पर प्रभावी लगाम कसने के लिए केंद्रीय बल अब बड़ा ऑपरेशन कर सकते हैं।

मणिपुर के पहाड़ी इलाके चिन-कुकी आतंकियों का गढ़ माने जाते हैं।

मणिपुर में मैतेई समुदाय और चिन-कुकी के बीच संघर्ष की शुरुआत हाईकोर्ट के आरक्षण संबंधी एक फैसले के बाद हुई। इस फैसले में मैतेई समुदाय के लिए ज्यादा आरक्षण की बात कही गई थी। मणिपुर में मैतेई समुदाय और चिन-कुकी के बीच संघर्ष में अब तक तमाम लोगों की जान गई है। जान बचाने के लिए सैकड़ों लोगों को गांव छोड़कर भी जाना पड़ा। हालात इतने गंभीर हुए थे कि केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को भी मणिपुर का दौरा करना पड़ा था। महिलाओं को निर्वस्त्र घुमाने की घटना की गूंज संसद में सुनाई दी थी और सभी दलों ने इसकी निंदा की थी। उस घटना के आरोपियों को भी पकड़ा गया था।