
नई दिल्ली। पूर्वोत्तर के लिए आज अहम दिन है। आज त्रिपुरा, नगालैंड और मेघालय विधानसभा चुनावों के नतीजे आने जा रहे हैं। दोपहर तक साफ होगा कि तीनों राज्यों में किसकी सरकार बनने जा रही है। बात करें त्रिपुरा की, तो यहां बीजेपी लगातार दूसरी बार सरकार बनाने की कोशिश में रही है। नगालैंड में एनडीपीपी के साथ उसका गठबंधन है। पिछली बार इसी गठबंधन की सरकार बनी थी। इस बार भी नगालैंड में बीजेपी-एनडीपीपी गठबंधन को उम्मीद है कि उसकी सरकार बनेगी। वहीं, मेघालय में एनपीपी को बहुमत मिलने के आसार हैं, लेकिन एक्जिट पोल के नतीजों के मुताबिक बिना मदद लिए एनपीपी फिर सरकार बना नहीं सकेगी। अब ईवीएम के नतीजों से पता चलेगा कि मेघालय में त्रिशंकु विधानसभा होती है या किसी दल को बहुमत मिलता है।
अगर विधानसभा में बहुमत की बात करें, तो त्रिपुरा विधानसभा की 60 सीटें हैं। यहां बहुमत का आंकड़ा 31 सीटों का है। नगालैंड और मेघालय में भी 60-60 सदस्यीय विधानसभा हैं। यहां एक-एक सीट पर चुनाव रद्द हुआ है। यानी नगालैंड और मेघालय में 59 सीटों के चुनाव हुए। ऐसे में फिलहाल दोनों ही राज्यों में बहुमत का आंकड़ा 30 सीटों का होगा। मेघालय और त्रिपुरा में ममता बनर्जी की पार्टी टीएमसी ने भी इस बार प्रत्याशी उतारे थे। इसके अलावा टिपरा मोथा भी त्रिपुरा के चुनावी मैदान में है। ऐसे में त्रिपुरा का मुकाबला काफी दिलचस्प होने जा रहा है। त्रिपुरा में कांग्रेस ने वामदलों के साथ गठजोड़ बनाकर चुनाव लड़ा है। ऐसे में इस गठबंधन को कितनी सीटों पर जीत मिलती है, इसपर सबकी नजर है।
त्रिपुरा में बीजेपी अगर दोबारा सरकार बनाती है और नगालैंड में एनडीपीपी के साथ सरकार फिर बना लेती है, तो ये बड़ी उपलब्धि मानी जाएगी। वहीं, अगर एनपीपी को सरकार बनाने के लिए बीजेपी का साथ लेना पड़ता है, तो मेघालय में भी बीजेपी किंगमेकर के तौर पर नजर आएगी। कुल मिलाकर त्रिपुरा, नगालैंड और मेघालय के चुनाव ये तय करेंगे कि पूर्वोत्तर में बीजेपी का परचम एक बार फिर लहराता है या नहीं।