newsroompost
  • youtube
  • facebook
  • twitter

Varanasi Blasts: वाराणसी ब्लास्ट मामले में बड़ा फैसला, दोषी वलीउल्लाह को सुनाई गई फांसी की सजा

Varanasi Blasts: 2006 के वाराणसी ब्लास्ट मामले में आरोपी आतंकी वलीउल्लाह को कोर्ट ने फांसी और उम्रकैद की सजा सुनाई है। इस ब्लास्ट में 16 लोगों की जान गई थी और 35 से ज्यादा घायल हो गए थे। हालांकि, इससे पहले ही वलीउल्लाह को पहले ही दोषी करार दिया जा चुका था, लेकिन आज जाकर कोर्ट ने उनसे सजा सुनाई है।  

नई दिल्ली। खबर है कि 2006 के वाराणसी ब्लास्ट मामले में आरोपी आतंकी वलीउल्लाह को कोर्ट ने फांसी और उम्रकैद की सजा सुनाई है। इस ब्लास्ट में 18 लोगों की जान गई थी और 100 से ज्यादा घायल हो गए थे। हालांकि, इससे पहले ही वलीउल्लाह को पहले ही दोषी करार दिया जा चुका था, लेकिन आज जाकर कोर्ट ने उनसे सजा सुनाई है। बता दें कि 16 साल बाद आज इस मामले में फैसला सुनाया गया है। इससे पहले कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था। जिस पर आज फैसला सुनाया जाना था। गाजियाबाद कोर्ट ने आज इस मामले में अंतिम फैसला सुनाया है। बता दें कि वलीउल्लाह को दो मामले में सजा सुनाई गई है, जिसमें से पहले मामले में उम्रकैद की सजा और दूसरे मामले में फांसी की सजा सुनाई गई है। वलीउल्लाह को विभिन्न धाराओं में फैसला सुनाई गई है।

यहां हम आपको बता दें कि कुल 6 मुकदमे चले जिसमें से 4 मुकदमों में वली उल्ला को दोषी करार देकर आज ipc 302.324 .307 . 326 .ipc 3/4 /5 विस्फोटक पदार्थ अधिनियम 15-16 दूसरे मुकदमे में 3/4/5विस्फोटक पदार्थ अधिनियम दशमेध मंदिर का हैं,जहाँ विस्फोटक पदार्थ एक काले बेग में बरामद किया गया था,में आजीवन कारावास की सजा सुनाई।

varanasi serial blasts convict waliullah alias tunda sentenced to death :  वाराणसी सीरियल ब्लास्ट के दोषी वलीउल्‍लाह उर्फ टुंडा को फांसी की सजा -  Navbharat Times

इसमें अन्य आरोपी 

उधर, जकारिया,मुस्तकीम,वसीर को ट्रेस नहीं किये जा सके थे ।मोहमद जुबेर को loc jk के पास मुठभेड़ में मारा गया था।संकट मोचन मामले में कुल 47 गवाह और 3 बचाव साक्ष्य पेश किये गए थे।दशमेध घाट वाले केस में 20 गवाह और 3 बचाव साक्ष्य पेश किए गए। 7 मार्च 2006 को वाराणसी के संकटमोचन मंदिर और कैंट स्टेशन पर हुआ था सीरियल ब्लास्ट, 16 साल बाद आया फैसला। 2006 में वाराणसी में संकट मोचन मंदिर, दशासमेघ घाट और कैंट रेलवे स्टेशन पर धमाकों में 20 से ज्यादा लोग मरे थे, 76 से ज्यादा लोग घायल हुए थे।16 साल बाद इस मामले में फैसला आया है।