नई दिल्ली। इंडिया गठबंधन की चौथी बैठक में जब कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्य़क्ष मल्लिकार्जुन खरगे का नाम प्रधानमंत्री पद के लिए प्रस्तावित किया गया था, तब खबर आई थी कि नीतीश कुमार शीर्ष नेतृत्व से नाराज हैं, लिहाजा उनकी नाराजगी दूर करने के बाबत उन्हें संयोजक पद की जिम्मेदारी दी जा सकती है। वहीं, आज जब इंडिया गठबंधन की पांचवी बैठक वर्चुअली हुई, तो फैसला किया गया कि नीतीश कुमार को संयोजक पद की जिम्मेदारी दी जाए, लेकिन अब खबर आई है कि उन्होंने संयोजक पद की जिम्मेदारी निर्वहन करने से भी इनकार कर दिया है।
उन्होंने दो टूक कह दिया है कि उनकी इस पद को लेकर कोई दिलचस्पी नहीं है। वो फिलहाल मुख्यमंत्री पद का निर्वहन करते हुए ही बिहार की जनता की सेवा में जुटे रहना चाहते हैं। नीतीश के इस कदम के कई सियासी मायने निकाले जा रहे हैं, जहां कुछ लोग इसका विरोध कर रहे हैं, तो वहीं कुछ इसका समर्थन भी कर रहे हैं। नीतीश कुमार खुद कई मौकों पर इंडिया गठबंधन में सक्रिय भूमिका में नजर आ चुके हैं। उनकी इसी सक्रियता को ध्यान में रखते हुए उन्हें संयोजक बनाने का फैसला किया गया।
आपको बता दें कि अब तक इंडिया गठबंधन की पांच बैठक हो चुकी है, लेकिन अभी तक सीट शेयरिंग और संयोजक पद को लेकर बात नहीं बन पाई है। बीते दिनों कांग्रेस ने पश्चिम बंगाल की 8 से 10 सीटों पर चुनाव लड़ने का प्रस्ताव रखा था, लेकिन टीएमसी ने इस प्रस्ताव को सिरे से खारिज कर यह स्पष्ट कर दिया कि कांग्रेस को महज दो सीटों पर चुनाव लड़ने की मंजूरी दी जा सकती है। वहीं, इसके पीछे की वजह बताते हुए टीएमसी ने कहा कि यह फैसला पार्टी के पुराने प्रदर्शन को ध्यान में रखते हुए लिया गया है, क्योंकि पिछले कुछ चुनावों में लगातार कांग्रेस का सियासी ग्राफ लगातार खिसकता जा रहा है, जिसे ध्यान में रखते हुए उक्त फैसला किया गया।
वहीं, इंडिया गठबंधन के बैठकों की बात करें, तो अब तक पांच बैठक हो चुकी है, जिसमें पहली बैठक राजधानी पटना में हुई थी। यह इंडिया गठबंधन की नींव मानी गई थी, जिसमें सभी नेता शामिल हुए थे और बीजेपी के विजयी रथ को रोकने के मकसद के प्रति संकल्प दोहराया था। इसके बाद दूसरी बैठक बेंगलुरु, तीसरी मुंबई और चौथी राजधानी दिल्ली में हुई थी, जिसे लेकर अब आगामी दिनों में क्या कुछ कदम उठाए जाते हैं। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी।