
नई दिल्ली। नीट यूजी परीक्षा को लेकर मचे विवाद से जुड़ी लगभग 40 याचिकाओं पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। चीफ जस्टिस डी.वाई. चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली जस्टिस जे.बी. पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की बेंच ने इस मामले में परीक्षा कराने वाली संस्था एनटीए को बड़ा आदेश दिया है। पीठ ने कहा कि सभी छात्रों के मार्क्स शहर और परीक्षा केंद्र के हिसाब से ऑनलाइन अपलोड किए जाएं। सुप्रीम कोर्ट ने इसके लिए शनिवार दोपहर 12 बजे तक का समय दिया। केस की अगली सुनवाई अब 22 जुलाई को होगी।
VIDEO | “The Supreme Court heard the NEET matter today, and there were a couple of submissions made on behalf of the petitioners as far as the leak is concerned, but on the leak matter specifically, the court said this still needs more data. They did say that it is admitted that… pic.twitter.com/gHCxpbNTaN
— Press Trust of India (@PTI_News) July 18, 2024
सीजेआई ने अपने आदेश में कहा कि सभी छात्रों के नंबर ऑनलाइन अपलोड करते समय उनके रोल नंबर को डमी रोल नंबर के रूप में छिपाकर डाले ताकि छात्रों की पहचान सार्वजनिक न हो। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने नीट काउंसिलिंग पर सोमवार तक रोक लगाने से भी इनकार कर दिया। सरकार की तरफ से सॉलीसिटर जनरल ने कहा कि 24 जुलाई से नीट यूजी की काउंसिलिंग शुरू होगी। इस पर सीजेआई चंद्रचूड़ बोले, हम सोमवार को ही सुनवाई करेंगे। सुनवाई शुरू होने पर चीफ जस्टिस ने याचिकाकर्ता से कहा कि हमें इस बात के लिए संतुष्ट करें कि पेपर सुनियोजित तरीके से और बड़े पैमाने पर लीक हुआ, तभी परीक्षा रद्द हो सकती है। इस मामले में जांच की दिशा क्या होनी चाहिए वो भी हमें बताएं।
सीजेआई ने कहा की पटना के हजारीबाग में परीक्षा के पहले पेपर लीक हुआ था इसमें अब कोई शंका नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने एनटीए से पूछा- 23.33 लाख अभ्यर्थियों में से कितनों ने एग्जाम सेंटर बदला? इस पर एनटीए ने बताया कि 15,000 छात्रों ने करेक्शन ने नाम पर सेंटर बदला था। हालांकि एनटीए ने यह भी स्पष्ट किया कि छात्र सिर्फ शहर बदल सकते हैं और परीक्षा केंद्र नहीं चुन सकते। परीक्षा केंद्र का चयन अलॉटमेंट सिस्टम द्वारा एग्जाम से सिर्फ दो दिन पहले होता है, इसलिए कोई नहीं जानता कि उसे कौन सा सेंटर मिलने वाला है।