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UP: बच्चों के स्वास्थ्य के साथ बड़ा खिलवाड़, एजिथ्रोमाइसिन सिरप में मिला ‘मिसब्रॉन्ड’

हालांकि, अभी तक यह जानकारी प्रकाश में नहीं आई है कि इन दवाओं का अभी तक किसी के द्वारा सेवन किया है या नहीं। वहीं, इस पूरे मामले के प्रकाश में आने के बाद यूपी मेडिकल सप्लाई कॉरपोरेशन लिमिटेड ने सभी जनपदों के सीएमओ को पत्र लिखकर आपूर्ति की गई इन दवाओं को लौटाने का निर्देश दिया है।

नई दिल्ली। जब कभी हम कोई दवाई खरीदने जाते हैं, तो अपनी जान की हिफाजत के लिए उस दवाई के संदर्भ में प्रदान की गई तमाम जानकारियों से पहले खुद को अवगत करा लेना उचित समझते हैं। अगर किसी कारणवश हमें उस दवाई के संदर्भ में उचित जानकारी हासिल नहीं हो पाती है, तो हम उस दवाई को खरीदने से परहेज करते हैं और करना भी चाहिए, लेकिन आपको यह जानकर हैरानी होगी कि उत्तर प्रदेश के कई अस्पतालों में ऐसे दवाइयों की आपूर्ति करवा दी गई, जिनके बारे में समुचित जानकारी उनके स्टीकर पर थी ही नहीं कि उनकी निर्मित तिथि कब की है या उनकी एक्सपायरी डेट क्या है और इससे भी ज्यादा चिंताजनक बात यह है कि इन दवाइयों की भारी मात्रा में आपूर्ति प्रदेश के कई अस्पतालों में करवा दी गई है, जिसके बाद अब सभी अस्पतालों में हड़कंप का माहौल है।

हालांकि, अभी तक यह जानकारी प्रकाश में नहीं आई है कि इन दवाओं का अभी तक किसी के द्वारा सेवन किया है या नहीं। वहीं, इस पूरे मामले के प्रकाश में आने के बाद यूपी मेडिकल सप्लाई कॉरपोरेशन लिमिटेड ने सभी जनपदों के सीएमओ को पत्र लिखकर आपूर्ति की गई इन दवाओं को लौटाने का निर्देश दिया है। सीएमओ की तरफ से इन दवाओं की वापस लौटाने की प्रक्रिया शुरू की जा चुकी है और इसके वितरण पर भी पाबंदी लगा दी गई है।

सर्वविदिति है कि कोरोना के कारण पैदा हुई स्वास्थ्य चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए प्रदेश के विभिन्न जनपदों से इन दवाओं की आपूर्ति कराने हेतु यूपी मेडिकल स्पलाई कॉरपोरेशन  लिमिटेड को निर्देश दिया गया था, लेकिन आपूर्ति के दौरान इतनी बड़ी लापरवाही ने प्रदेश के लिए स्वास्थ्य मौर्चे पर चुनौतियां पैदा करके रख दी हैं। बहरहाल, स्थितियां अत्याधिक गंभीर न हो जाए, उसे ध्यान में रखते हुए तमाम प्रयास किए जा रहे हैं।