नई दिल्ली। माफियाओं को मिट्टी में मिलाने की पटकथा सीएम योगी तैयार कर चुके हैं। उसे जमीन पर उतारने की कवायद भी तेज कर दी गई है। इसी कवायद के तहत अतीक अहमद को बीते दिनों साबरमती से प्रयागराज के नैनी जेल से लाया गया है। कल उसे उमेश पाल हत्याकांड मामले में कोर्ट में पेश किया जाएगा। मृतक उमेश की पत्नी ने अतीक को फांसी की सजा देने की मांग की है। उधर, अतीक की बहन ने अपने भाई का बचाव किया है और कहा कि आप मेरे भाई को आप दोषी नहीं बता सकते हैं। अभी मामला कोर्ट में विचाराधीन है। जब तक कोर्ट कोई फैसला नहीं दे देती है, तब तक किसी भी नतीजे पर पहुंचना उचित नहीं रहेगा। खैर, कोई कुछ भी कहे, लेकिन अब माफियाओं का अंत नजदीक आ चुका है।
इस बीच पूर्वांचल के माफिया मुख्तार अंसारी को लेकर भी बड़ी खबर सामने आई है। दरअसल, उसे आज से 23 साल पुराने मामले में बड़ी राहत दे दी गई है। अतीक के अलावा लालजी यादव, युसूफ चिश्ती और आलम को भी राहत दी गई है। आज से 23 साल पुराने मामले में कोर्ट ने इन सभी को आरोपमुक्त कर दिया है। आइए, आगे जानते हैं कि आखिर पूरा मामला क्या है, जिसमें मुख्तार अंसारी और उसके साथियों को बरी कर दिया गया है।
दरअसल, यह पूरा मामला एक जेल कर्मी की पिटाई करने का है। मुख्तार पर आरोप है कि उसने अपने गुर्गों के साथ मिलकर जेलकर्मी की पिटाई की थी, जिसमें उसके खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 147, 336, 353, और 506 प्राथमिकी पंजीकृत की गई थी। मुख्तार इस मामले में फिलहाल जमानत पर है।