
नई दिल्ली। भारतीय सेना के पूर्व प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे ने भारतीय सेना और चीनी सेना के बीच हुई तवांग झड़प पर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि, ‘हमने PLA को वापस जाने पर मजबूर किया, हालांकि चीन ने हमें पैट्रोलिंग से रोका था।’ चीन की सेना भारत को यथास्थिति बनाए रखने से रोकना चाहती थी पर भारतीय सेना ने उन्हें करारा जवाब दिया है।
China got first ‘jhatka’ during Galwan clash amid encroachment moves, forced them to reassess: Former Army Chief Gen Naravane
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— ANI Digital (@ani_digital) December 14, 2022
वहीं गलवान के मुद्दे पर भी उन्होंने बात करते हुए कई बातें कहीं। जून 2020 में गलवान संघर्ष के दौरान चीनी सेनाओं को पहली बार बड़ा झटका लगा। चीनी सेनिकों के हताहतों की संख्या पहली बार थी जब चीन पिछले दो दशकों में अपने पड़ोसियों के क्षेत्र का अतिक्रमण कर रहा था। इस दौरान पूर्व सेना प्रमुख ने पूर्व रक्षा मंत्री जार्ज फर्नांडीस द्वारा दिए गए बयान को याद करते हुए कहा कि चीन भारत के लिए आज भी नंबर एक खतरा बना हुआ है। उन्होंने आगे कहा कि इस मामले पर लोग पहले से कहीं अधिक जानकार और जागरूक हो गए हैं।
इसके साथ ही जनरल नरवणे ने अपने बयान में ये भी कहा कि चीन सिर्फ भारत के साथ ही नहीं बल्कि भूटान और नेपाल के साथ भी सीमाई अतिक्रमण करने में जुटा हुआ है। उन्होंने जोर देकर कहा कि हताहतों की संख्या महत्वपूर्ण नहीं है इस लिए हम नंबर गेम में नहीं पड़ना चाहेंगे। महत्वपूर्ण यह है कि चीन को हताहतों का सामना करना पड़ा। चीन दक्षिणी चीन सागर में भी अतिक्रमण कर रहा है। चीन को इससे पहले किसी अन्य देश चुनौती नहीं दी है इस लिए उन्हें कभी भी नुकसान का सामना नहीं करना पड़ा। उन्होंने कहा कि भारत ने चीन को पहली बार चुनौती दी और उन्हें झटका मिला। उन्होंने कहा कि इस संघर्ष में सबसे महत्वपूर्ण यह है कि भारत ने चीन को उनके इस तरीके पर फिरसे मूल्यांकन करने के लिए मजबूर कर डाला।