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Video: इधर जहरीली शराब पीने से कई लोगों की हुई मौत, उधर विपक्ष ने नीतीश कुमार से किया सवाल तो बौखला गए CM

Bihar CM Nitish Kumar Angry on BJP: सोशल मीडिया पर सीएम नीतीश कुमार का ये वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है। वीडियो में देखा जा सकता है कि विधानसभा में भाजपा ने छपरा में जहरीली शराब पीने से हुई मौत को लेकर महागठबंधन सरकार को घेरने की कोशिश की। लेकिन विपक्ष इस सवाल से नीतीश कुमार इस कदर बौखला गए कि वो गुस्से से लाल हो गए।

नई दिल्ली। बिहार विधानसभा में शराबबंदी को लेकर जमकर बवाल देखने को मिला है। इतना ही नहीं विधानसभा में विपक्ष के सवाल पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Bihar CM Nitish Kumar) बुरी तरह से भड़क गए। दरअसल छपरा में जहरीली शराब पीने से अबतक 10 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है। इसी को लेकर विपक्ष के नेताओं ने विधानसभा में सीएम नीतीश कुमार से सवाल कर दिया। फिर क्या था इसके बाद सीएम नीतीश कुमार गुस्से लाल हो गए। विधानसभा में बुरी तरह से तिलमिला गए। उन्होंने उल्टा भारतीय जनता पार्टी (BJP) के विधायकों से ही प्रश्न कर दिया। नीतीश कुमार ने कहा कि जब आप हमारे साथ थे तो शराब बंदी में हमारे साथ थे। फिर अब क्या हो गया है।

CM Nitish Kumar

सोशल मीडिया पर सीएम नीतीश कुमार का ये वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है। वीडियो में देखा जा सकता है कि विधानसभा में भाजपा ने छपरा में जहरीली शराब पीने से हुई मौत को लेकर महागठबंधन सरकार को घेरने की कोशिश की। लेकिन विपक्ष इस सवाल से नीतीश कुमार इस कदर बौखला गए कि वो गुस्से से लाल हो गए। वो भाजपा विधायकों से कहते है कि क्या हो गया है, झूठ बोलते हो। इतना ही नहीं वो अपा खोते हुए विपक्ष के नेताओं के साथ तुम शब्द का इस्तेमाल कर देते है। इसके बवाल के बाद भाजपा के विधायक विधानसभा से वॉकआउट कर निकल जाते है।

nitish kumar

यहां देखिए वीडियो-

लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से नीतीश कुमार का वीडियो साझा किया है। पार्टी ने ट्वीट कर लिखा,  ”मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी, आपके राजनीतिक पतन का कारण बनेगी शराबबंदी।”

वहीं विधानसभा के अंदर ही नहीं बल्कि बाहर विपक्ष का हंगामा देखने को मिला। बिहार विधानसभा के बाहर भाजपा विधायकों ने कई मुद्दों को लेकर विरोध प्रदर्शन किया। बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद ने कहा,”नशाबंदी को लागू करने के तरीके को और बेहतर करने की ज़रूरत है। इसे सख्ती से लागू करने के साथ-साथ दंड देने के तरीके को भी बदलने की ज़रूरत है।”