इंफाल। मणिपुर में हो रही हिंसा की घटनाओं के बीच पड़ोसी देश म्यांमार से भी काफी तादाद में घुसपैठिए आ रहे हैं। अब मणिपुर में जारी हिंसा और म्यांमार के इन घुसपैठियों पर लगाम लगाने का बड़ा कदम केंद्र सरकार ने उठाया है। केंद्र सरकार ने मणिपुर सरकार से कहा है कि वो सितंबर के महीने तक म्यांमार से राज्य में घुसपैठ करने वालों की बायोमीट्रिक जांच कर रिकॉर्ड ले और उनको डिटेंशन सेंटर में रखे। इस काम के लिए केंद्र सरकार ने नेशनल क्राइम रिकॉर्ड्स ब्यूरो यानी एनसीआरबी के लोगों को भी मणिपुर भेजा है। मणिपुर पुलिस और एनसीआरबी की टीमों ने म्यांमार से घुसपैठ करने वालों का बायोमीट्रिक डेटा हासिल करने का काम भी शुरू कर दिया है।
मणिपुर की सीमा म्यांमार से मिलती है। म्यांमार से आए दिन ही घुसपैठिए मणिपुर आते रहते हैं। इनमें कुकी भी हैं। मणिपुर के सीएम एन. बीरेन सिंह ने पहले बताया था कि म्यांमार के जरिए मणिपुर में लोगों की घुसपैठ के अलावा ड्रग्स और हथियार भेजे जाते हैं। इन हथियारों के दम पर कुकी आतंकवादी मैतेई समुदाय को अपना निशाना बनाते हैं। हथियारों की खरीद के लिए कुकी आतंकवादी संगठन ड्रग्स के धंधे का सहारा लेते हैं। मणिपुर से देश के अलग-अलग हिस्सों में भेजी जा रही ड्रग्स की खेप कई बार असम रायफल्स और पुलिस ने बरामद भी की है।
मणिपुर में 3 मई से हिंसा हो रही है। पहाड़ी इलाकों में बसने वाले कुकी और घाटी में बसने वाले मैतेई समुदाय के बीच हिंसा का खेल हो रहा है। मणिपुर हाईकोर्ट के मैतेई समुदाय को आरक्षण देने के लिए राज्य सरकार को कदम उठाने का निर्देश देने के बाद राज्य में हिंसा फैली। इस दौरान कुकी महिलाओं को निर्वस्त्र कर उनसे रेप करने का भी आरोप लगा। इस मामले की जांच सीबीआई कर रही है और अब तक 7 आरोपियों को गिरफ्तार भी किया गया है।