newsroompost
  • youtube
  • facebook
  • twitter

BJP Celebrates vs Opposition sulks: इधर आर्टिकल 370 पर SC के फैसले पर PM मोदी-शाह ने जताई खुशी, उधर ओवैसी-उमर को हुआ दुख

BJP Celebrates vs Opposition sulks: असदुद्दीन ओवैसी ने मीडिया से बात करते हुए कहा, “हम इस फैसले से संतुष्ट नहीं है… इसमें कोई दो राय नहीं है कि कश्मीर हमेशा से भारत का एक अटूट हिस्सा रहा है… अब आने वाले दिनों में भाजपा को चेन्नई, कोलकाता, हैदराबाद और मुंबई के केंद्र शासित प्रदेश बनाने से कोई नहीं रोक सकेगा। इसका नुकसान सबसे ज़्यादा डोगरा और लद्दाख के बुद्धिस्ट को होगा…वहां डेमोक्रेटिक चेंज होगा।”

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को मोदी सरकार के घाटी से आर्टिकल 370 हटाए जाने के फैसले को सही ठहराया है। एक तरफ जहां आर्टिकल 370 पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित समेत कई नेताओं ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले को ऐतिहासिक बताते हुए खुशी जताई है। पीएम मोदी ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले को ऐतिहासिक बताया। साथ ही नया जम्मू-कश्मीर का नारा दिया। वहीं दूसरी ओर कुछ दलों को कोर्ट के इस फैसले से मिर्ची लगी है। इस फेहरिश्त में AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी, जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और DPAP प्रमुख गुलाम नबी आजाद का नाम शामिल है। इन नेताओं ने देश की सर्वोच्च अदालत के आर्टिकल 370 पर दिए गए फैसले पर दुख जाहिर किया है।

असदुद्दीन ओवैसी का ट्वीट-

असदुद्दीन ओवैसी ने मीडिया से बात करते हुए कहा, “हम इस फैसले से संतुष्ट नहीं है… इसमें कोई दो राय नहीं है कि कश्मीर हमेशा से भारत का एक अटूट हिस्सा रहा है…अब आने वाले दिनों में भाजपा को चेन्नई, कोलकाता, हैदराबाद और मुंबई के केंद्र शासित प्रदेश बनाने से कोई नहीं रोक सकेगा। इसका नुकसान सबसे ज़्यादा डोगरा और लद्दाख के बुद्धिस्ट को होगा…वहां डेमोक्रेटिक चेंज होगा।”

निराश हूं लेकिन हताश नहीं हूं, संघर्ष जारी रहेगा- उमर अब्दुल्ला

सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने कहा, “निराश हूं लेकिन हताश नहीं हूं। संघर्ष जारी रहेगा।”

वहीं डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आज़ाद पार्टी (DPAP) के अध्यक्ष गुलाम नबी आज़ाद आर्टिकल 370 पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले निराश दिखाई दिए। उन्होंने कहा, “एक उम्मीद थी क्योंकि कई चीज़ों में हमने कहा था कि जो कोर्ट कहेगा वह आखिरी फैसला होगा… जैसे बाबरी मस्जिद के फैसले पर किया था और उसको स्वीकार किया था। हमें उम्मीद थी सुप्रीम कोर्ट क्योंकि किसी दल या पक्ष सियासी पार्टी से ताल्लुक नहीं रखती है खासकर आज की बेंच काफी अच्छा था।

आगे गुलाम नबी ने कहा, ”मैं बुनियादी तौर पर कहता हूं कि इसे खत्म करना 05 अगस्त 2019 को गलत था। इसे करते वक्त जम्मू-कश्मीर की राजनीतिक पार्टियों से पूछा नहीं गया… हम अदालत के खिलाफ नहीं जा सकते लेकिन इस फैसले से हम, जम्मू-कश्मीर के लोगों को अफसोस है।”

ये हमारी हार नहीं है, हिंदुस्तान के विचार की हार- महबूबा मुफ्ती

सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती बोली, ”ये हमारी हार नहीं है, हिंदुस्तान के विचार की हार है जिस आइडिया और गांधी जी  के विचारों के साथ, गंगा-जमुनी तहजीब के साथ जम्मू-कश्मीर के मुस्लमानों ने पाकिस्तान को दरकिनार करके यहां के सिख, बुद्धिस्ट, ईसाइयों और हिंदु भाइयों के साथ गांधी के मुल्क के साथ हाथ मिलाया। आज उस आइडिया ऑफ इंडिया की हार है।”