लखनऊ। चुनाव आयोग की ओर से शनिवार को यूपी विधानसभा की चुनाव तारीखों का एलान होते ही समाजवादी पार्टी यानी सपा के अध्यक्ष अखिलेश यादव के कार्यकर्ताओं ने सोशल मीडिया पर उनकी बतौर सीएम वापसी का एलान कर दिया, लेकिन देर रात अखिलेश यादव के खेमे में चिंता का साया पसर गया। वजह वो खबर थी, जिसने सपा के कैंप की नींद उड़ा दी थी। खबर ये आई कि यूपी बीजेपी के उपाध्यक्ष दयाशंकर सिंह ने सपा के गठबंधन में सेंधमारी कर दी है। लखनऊ में इसकी चर्चा जोरों पर है कि दयाशंकर ने अखिलेश का साथ दे रहे सुहेलदेव भारत समाज पार्टी यानी SBSP के चीफ ओमप्रकाश राजभर से मुलाकात की। दोनों नेताओं की मुलाकात के बारे में कहा जा रहा है कि ओमप्रकाश को बीजेपी के खेमे में एक बार फिर लाया जा रहा है। फिलहाल अखिलेश यादव, राजभर और बीजेपी ने इस खबर पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।
उधर, “बाइस में बाइसिकिल” का नारा देकर चुनाव प्रचार कर रहे अखिलेश यादव शनिवार शाम को कुछ मायूस दिखे। एक टीवी चैनल के प्रोग्राम में एक पत्रकार ने उनसे पूछा कि सपा ने बीएसपी और कांग्रेस से गठबंधन करके देख लिया कि कुछ हासिल नहीं हुआ। अब आरएलडी से गठबंधन के बारे में उनका क्या कहना है ? इस पर अखिलेश यादव ने कहा कि बिजली भी ऐसे ही नहीं बन गई थी। प्रयोग जारी है और सरकार बनाने तक वो प्रयोग जारी रखेंगे। कुल मिलाकर उनकी भाव भंगिमा से वो तेवर गायब दिखे, जो कुछ दिन पहले उनकी बातों से झलक रहे थे।
कुछ सवाल ऐसे होते हैं कि जिनका जवाब वक्त के पास होता है।#UttarPradeshElections2022 #AkhileshYadav @jayantrld @pankajjha_ @yadavakhilesh @UDhakre pic.twitter.com/Hwnp35zrO5
— Naval Kant Sinha | नवल कान्त सिन्हा (@navalkant) January 8, 2022
खैर, अब चुनाव सिर पर हैं। 10 फरवरी से 7 मार्च तक वोटिंग होनी है। यूपी में वोटिंग का सिलसिला पश्चिम के इलाके से शुरू होगा। यहां अखिलेश यादव और आरएलडी चीफ जयंत चौधरी का खासा दम दिख सकता है। पश्चिम के बाद अवध और बुंदेलखंड और फिर वोटिंग के सिलसिले का अंत पूर्वांचल में होगा। अखिलेश पहले उम्मीद ये जता रहे थे कि हर इलाके में सपा को बंपर वोट मिलेंगे, लेकिन शनिवार को जिस तरह की खबरें सामने आईं, वो अगर हकीकत निकलीं, तो सपा का इस बार भी सरकार गठन का सपना पूरा नहीं होगा।