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WB: ‘तानाशाही एंड माइंडसेट कल्चर की सरकार है ये..’, हुगली हिंसा को लेकर ममता सरकार पर भड़की BJP, लगाई जमकर क्लास

टीएमसी तब भी अपनी मानसिकता का प्रदर्शन किया था, जब एक प्रोफेसर को महज एक फोटो लगाने की वजह से 10 साल तक कोर्ट के चक्कर काटने पड़े थे। यही नहीं, पंचायत चुनाव के दौरान भी टीएमसी कल्चर देखने को मिला था। वहीं, अब एक बार फिर से टीएमसी अपना कल्चर दिखा रही है।

नई दिल्ली। पहले हावड़ा और अब हुगली से जिस तरह से हिंसा की खबरें सामने आ रही हैं, उससे साफ जाहिर है कि बंगाल में स्थिति लगातार बिगड़ती जा रही है। बंगाल अब सांप्रदायिक हिंसा की ओर बढ़ चुका है। बीजेपी का आरोप है कि यह सांप्रदायिक हिंसा टीएमसी की शह पर हो रहा है। आज बीजेपी नेता दिलीप घोष की शोभायात्रा पर विशेष समुदाय की ओर से पथराव किया गया जिसकी जद में आकर कई लोग घायल हो गए। फिलहाल, घायलों को उपचार के लिए पास के अस्पताल में भर्ती करवाया गया है। वहीं एहतियात बरतते हुए मौके पर भारी संख्या में पुलिस बल को तैनात कर दिया गया, लेकिन बंगाल में पिछले कुछ दिनों से जिस तरह से हिंसा की खबरें सामने आ रही हैं, उसे लेकर टीएमसी और बीजेपी आमने सामने आ चुकी हैं। दोनों के बीच आरोप-प्रत्यारोप का खेल शुरू हो चुका है। टीएमसी जहां इस हिंसा को बीजेपी की साजिश बता रही है, तो वहीं बीजेपी ने इसे टीएमसी सरकार के नेतृत्व में सुरक्षा-व्यवस्था की विफलता बताया है। फिलहाल, पूरे मसले को लेकर सियासत जारी है, तो ऐसे में अब यह पूरा माजरा आगामी दिनों में क्या रुख अख्तियार करता है। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी, लेकिन उससे पहले आपको बता दें कि हुगली में हुई हिंसा को लेकर बीजेपी ने टीएमसी पर करारा हमला बोला है।

बता दें कि बीजेपी की ओर से शहजाद पूनावाला ने मोर्चा संभालते हुए कहा कि आज की तारीख में टीएमसी को तानाशाही माइंडसेट कल्चर कहना उचित रहेगा। बीजेपी नेता ने कहा कि तानाशाही माइंडसेट कल्चर ने अपना प्रमाण तब भी दिया था, जब बंगाल में चुनाव के बाद हिंसा हुई थी, जिसका संज्ञान लेने के बाद हाईकोर्ट ने कहा था कि यह रूल ऑफ लॉ नहीं, बल्कि लॉ ऑफ रूल है। टीएमसी ने अपनी मानसिकता तब भी प्रदर्शित की थी, जब 100 से ज्यादा राष्ट्रवादी कार्यकर्ताओं को मार दिया गया था, वो भी इसलिए, क्योंकि वो राष्ट्रवादी विचारधारा रखते हैं। इतना ही नहीं, टीएमसी वालों ने अपनी मानसिकता का प्रदर्शन तब भी किया था, जब लोगों को जय श्री राम बोलने पर गिरफ्तार कर लिया गया था।

टीएमसी तब भी अपनी मानसिकता का प्रदर्शन किया था, जब एक प्रोफेसर को महज एक फोटो लगाने की वजह से 10 साल तक कोर्ट के चक्कर काटने पड़े थे। यही नहीं, पंचायत चुनाव के दौरान भी टीएमसी कल्चर देखने को मिला था। वहीं, अब एक बार फिर से टीएमसी अपना कल्चर दिखा रही है। जिसकी हम घोर निंदा करते हैं। बीजेपी नेता ने आगे कहा कि भाजपा नेता की गोली मारकर हत्या के बाद हावड़ा में रामनवमी यात्रा के खिलाफ हिंसा के बाद अब हुगली में ताजा हिंसा शोभा यात्रा के दौरान महिलाओं और बच्चों पर पथराव किया गया। हावड़ा हिंसा के बाद भी राज्य सरकार और पुलिस कोई कार्रवाई नहीं कर रही है।