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Nishikant Dubey On Jharkhand: ‘झारखंड से 10 फीसदी आदिवासी गायब, 25 विधानसभा सीटों पर 110 फीसदी मुस्लिम बढ़े’, बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे का सनसनीखेज दावा

Nishikant Dubey On Jharkhand: झारखंड की गोड्डा सीट से बीजेपी के सांसद निशिकांत दुबे ने गुरुवार को लोकसभा में सनसनीखेज दावा किया। निशिकांत दुबे ने कहा कि झारखंड में बांग्लादेशी नागरिकों की घुसपैठ लगातार बढ़ रही है। बीजेपी सांसद ने ये भी दावा किया कि झारखंड में 25 विधानसभा सीट ऐसी हैं, जहां मुस्लिमों की आबादी में 110 फीसदी का इजाफा हुआ है।

नई दिल्ली। झारखंड की गोड्डा सीट से बीजेपी के सांसद निशिकांत दुबे ने गुरुवार को लोकसभा में सनसनीखेज दावा किया। निशिकांत दुबे ने कहा कि झारखंड में बांग्लादेशी नागरिकों की घुसपैठ लगातार बढ़ रही है। बीजेपी सांसद ने ये भी दावा किया कि झारखंड में 25 विधानसभा सीट ऐसी हैं, जहां मुस्लिमों की आबादी में 110 फीसदी का इजाफा हुआ है। निशिकांत दुबे ने कहा कि ये हिंदू और मुस्लिम की बात नहीं है। उन्होंने कहा कि हमारे यहां जो महिला आदिवासी कोटे से लोकसभा चुनाव लड़ती हैं, उनके पति मुस्लिम हैं। उन्होंने कहा कि हर 5 साल में आबादी 15 से 17 फीसदी बढ़ती है। निशिकांत दुबे ने कहा कि जिस सीट से जीतकर आया हूं, उसमें आने वाली मधेपुर विधानसभा सीट के 267 बूथ पर मुस्लिमों की आबादी 117 फीसदी बढ़ गई है।

निशिकांत दुबे ने ये भी कहा कि झारखंड की पाकुड़ विधानसभा में दंगा हुआ, क्योंकि पश्चिम बंगाल की पुलिस ने वहां आकर हिंदुओं को भगाया। उन्होंने कहा कि इसकी वजह से गांव के गांव खाली हुए। बीजेपी सांसद ने चुनौती देते हुए कहा कि अगर वो गलत बता रहे हैं, तो सांसद पद से इस्तीफा देने के लिए तैयार हैं। निशिकांत दुबे ने आरोप लगाया कि बंगाल के मालदा और मुर्शिदाबाद से आए लोगों ने हिंदुओं पर जुल्म किया। उन्होंने कहा कि झारखंड पुलिस कोई काम नहीं कर पा रही है। झारखंड हाईकोर्ट ने आदेश दिया है कि मुस्लिमों की आबादी लगातार बढ़ रही है। सरकार को हस्तक्षेप करना चाहिए। निशिकांत दुबे ने केंद्र सरकार से आग्रह किया कि किशनगंज, अररिया, मुर्शिदाबाद, मालदा और संथाल परगना को केंद्रशासित प्रदेश बनाकर एनआरसी लागू हो।

इससे पहले लोकसभा में बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने कहा कि संविधान खतरे में है। हम यहां दलित, पिछड़ों और आदिवासियों को बचाने की बात करते हैं। केंद्र और राज्य सरकार का एक मात्र लक्ष्य यही है कि समाज के आखिरी व्यक्ति तक पहुंचा जाए। उन्होंने सवाल उठाया कि झारखंड जब अलग राज्य बना था, तब वहां संथाल परगना में 36 फीसदी आदिवासी थे। अब 26 फीसदी रह गए हैं। निशिकांत दुबे ने सवाल उठाया कि 10 फीसदी आदिवासी कहां गायब हो गए? बता दें कि बीते दिनों ही झारखंड हाईकोर्ट ने झारखंड और केंद्र सरकार से कहा था कि वो आदिवासी बहुल जिलों में बांग्लादेशी घुसपैठियों को चिन्हित कर एक्शन ले।