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Gopalganj By-Election: BJP, RJD या फिर ओवैसी…?, जानिए गोपालगंज में किसने मारी बाजी

Gopalganj By-Election: बता दें कि इस उपुचनाव में एआईएमआईएम ने भी किस्मत आजमाई थी। ध्यान रहे कि एआईएमआईएम प्रत्याशी अब्दुल सलाम को 12, 214 वोट प्राप्त हुए हैं। वहीं, राजद प्रत्याशी साधु यादव की पत्नी इंदिरा यादव को 8,854 वोट मिले हैं। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, गोपालगंज की 2 हजार 170 वोटरों ने मोटा बटन दबाकर अपनी भावनाओं को जाहिर किया है।

नई दिल्ली। बिहार, यूपी, महाराष्ट्र, हरियाणा सहित अन्य राज्यों की कुल सात सीटों पर हुए उपचुनाव में से चार सीटों को बीजेपी अपने कब्जे में करने में सफल रही है, जबकि तेलंगाना में टीआरएस बाजी मार गई। आदमपुर में बीजेपी का जलवा रहा। इस रिपोर्ट में हम आपको बिहार के गोपालगंज सीट पर हुए उपचुनाव के बारे में बताने जा रहे हैं। बता दें कि यहां बीजेपी प्रत्याशी कुसूम देवी जीत दर्ज करने में सफल रही है, जबकि राजद और एआईएमआईएम को मुंह की खानी पड़ी है, जिसके बाद से राजनीतिक गलियारों में तरह-तरह के मायने निकाले जा रहे हैं। बता दें कि गोपालगंज की कुल 331469 वोटरों में 168396 वोटरों ने मतदान किया था। जिसमें से 70053 वोटरों ने बीजेपी प्रत्याशी कुषम देवी को वोट किया था। उधर, राजद प्रत्याशी मोहन प्रसाद गुप्ता को 68259 को वोट प्राप्त हुए हैं।

ओवैसी की पार्टी ने भी आजमाई थी किस्मत

बता दें कि इस उपुचनाव में एआईएमआईएम ने भी किस्मत आजमाई थी। ध्यान रहे कि एआईएमआईएम प्रत्याशी अब्दुल सलाम को 12, 214 वोट प्राप्त हुए हैं। वहीं, राजद प्रत्याशी साधु यादव की पत्नी इंदिरा यादव को 8,854 वोट मिले हैं। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, गोपालगंज की 2 हजार 170 वोटरों ने मोटा बटन दबाकर अपनी भावनाओं को जाहिर किया है।

तेजस्वी की मामा की भी हो गई फजीहत

गोपालगंज उपचुनाव में तेजस्वी यादव के मामा भी बड़ी ही आस के साथ चुनावी मैदान में उतरे थे। राजद की तरफ से मोहन प्रसाद गुप्ता को चुनावी मैदान में उतारा गया था। वहीं, बसपा ने साधू यादव की पत्नी इंदिरा देवी को चुनावी मैदान में उतारा था। लेकिन वो अपनी साख बचाने में नाकाम रहे। हालांकि, चुनाव के बीच सेंधमारी की भी खबरें प्रकाश में आई। गोपालगंज विधानसभा सीट पर बीजेपी की जीत ने कई बड़े संकेत दे दिए हैं। ध्यान रहे कि बीते दिनों बिहार की राजनीति में बड़े सियासी तूफान देखने को मिले थे। जिसके नतीजतन नीतीश कुमार ने बीजेपी को गच्चा देने के बाद राजद के साथ हाथ मिला था। इसके बाद नीतीश कुमार ने दोबारा मुख्यमंत्री की कुर्सी पर काबिज हुए।