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Delhi Assembly Elections 2025: दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा के बड़े चुनावी वादे, केजरीवाल को हराने के लिए चल सकती है बड़ा दांव

Delhi Assembly Elections 2025: सूत्रों के मुताबिक, भाजपा दिल्ली के मतदाताओं को लुभाने के लिए कई नई योजनाओं की घोषणा कर सकती है। इसमें खासतौर पर महिलाओं और बुजुर्गों को ध्यान में रखते हुए योजनाएं तैयार की जा रही हैं।

नई दिल्ली। दिल्ली में विधानसभा चुनाव 2025 का सियासी पारा तेजी से चढ़ रहा है। भारतीय जनता पार्टी ने अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी से दिल्ली की सत्ता छीनने के लिए पूरी ताकत झोंक दी है। चुनावी मैदान में आप और कांग्रेस की चुनौती का सामना करने के लिए भाजपा अब बड़े चुनावी वादों की तैयारी में जुट गई है।

भाजपा के कर सकती है ये बड़े वादे

सूत्रों के मुताबिक, भाजपा दिल्ली के मतदाताओं को लुभाने के लिए कई नई योजनाओं की घोषणा कर सकती है। इसमें खासतौर पर महिलाओं और बुजुर्गों को ध्यान में रखते हुए योजनाएं तैयार की जा रही हैं।

1. लाडली बहन योजना
मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र में मिली सफलता से प्रेरित होकर भाजपा दिल्ली में भी महिलाओं के लिए ‘लाडली बहन योजना’ शुरू करने का ऐलान कर सकती है। इसके तहत हर महीने महिलाओं को 2500 रुपये की आर्थिक सहायता देने का वादा किया जा सकता है।

2. मुफ्त बिजली
भाजपा केजरीवाल की तर्ज पर हर महीने 300 यूनिट मुफ्त बिजली देने की घोषणा कर सकती है। इसके अलावा मंदिरों, गुरुद्वारों और अन्य धार्मिक स्थलों पर 500 यूनिट मुफ्त बिजली देने का भी वादा किया जा सकता है।

3. मुफ्त पानी
भाजपा दिल्लीवासियों को मुफ्त पानी देने का भी ऐलान कर सकती है।

4. बुजुर्गों के लिए विशेष योजना
दिल्ली के वरिष्ठ नागरिकों को ध्यान में रखते हुए भी भाजपा कुछ नई योजनाओं की घोषणा कर सकती है।

आप और कांग्रेस के वादे

चुनावी मुकाबले में आम आदमी पार्टी और कांग्रेस भी बड़े वादे कर रही हैं।आप ने महिलाओं के लिए ‘महिला सम्मान योजना’ के तहत 1000 रुपये को बढ़ाकर 2100 रुपये करने और 60 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों को ‘संजीवनी योजना’ के तहत हेल्थ कवरेज देने का वादा किया है। कांग्रेस ने जीवन रक्षा योजना के तहत 25 लाख रुपये का हेल्थ इंश्योरेंस और कर्नाटक की तर्ज पर पांच चुनावी गारंटियों का वादा किया है।

दिल्ली में आगामी चुनावों के मद्देनजर भाजपा, आप, और कांग्रेस के बीच कड़ी टक्कर देखने को मिल रही है। अब देखना होगा कि दिल्ली के मतदाता किसे सत्ता की कुर्सी सौंपते हैं।