नई दिल्ली। आज तो पूरे देश ने देख लिया कि कैसे जम्हूरियत की नौका पर सवार होकर दिन-रात मोदी सरकार को जम्हूरियत का ककहरा सिखाने वाली ममता दीदी के गढ़ बंगाल में किस तरह से जम्हूरियत का जनाजा निकाला गया। किस तरह से वोट डालने गए मतदाताओं को पीटा गया। उनके साथ बदसलूकी की गई और जब इन सबसे भी मन नहीं भरा, तो उन्हें मौत के घाट उतारने से भी गुरेज नहीं किया गया।
मन मान ही नहीं रहा है कि आखिर हजारों की संख्या में सुरक्षाकर्मियों की मौजूदगी के बीच कुछ चंद दंगाई कैसे अपने नापाक मंसूबों को जमीन पर उतार पाए? कैसे कुछ चंद दंगाई बंगाल की धरती को रक्तरंजित कर पाने में सफल हो गए? कहीं ना कहीं कुछ ना कुछ तो जरूर गड़बड़ है। अब मामले की जांच सीबीआई करेगी तो ही कुछ सच्चाई सामने आ सकेगी। हालांकि, बीजेपी ने सीबीआई जांच की मांग की है। खुद गृह मंत्री ने अमित शाह ने बंगाल बीजेपी के प्रदेश अध्य़क्ष सुकांत मजूमदार से फोन पर बात की और इस हिंसा के संदर्भ में रिपोर्ट तलब की है ।
इस हिंसा की जद में आकर अब तक 13 लोगों के मौत की पुष्टि की जा चुकी है, लेकिन आपको बता दें कि न्यूज रूम पोस्ट की तरफ से इन आंकड़ों की पुष्टि नहीं की जाती है, क्योंकि बहुत मुमकिन है कि आगामी दिनों में इन आंकड़ों में कोई बड़ा उलटफेर देखने को मिले। वहीं, घायलों की बात करें, तो अभी तक इस संदर्भ में प्रशासन की ओर से कई आंकड़ा जारी नहीं किया गया है। इसके अलावा बात-बात पर जम्हूरियत की दरिया बहाने वाली ममता दीदी की ओर से भी कोई बयान सामने नहीं आया है। अब अगर आता भी है, तो बहुत मुमकिन है कि वो बीजेपी पर ही कोई आरोप मढेगी। लेकिन, बीजेपी इसे लेकर ममता बनर्जी पर हमलावर हो चुकी है। बीजेपी आईटी सेल के प्रभारी अमित मालवीय ने इस हिंसा पर कहा कि, ‘”दुखद है कि हम उस दिन मृतकों की गिनती कर रहे हैं जिस दिन पश्चिम बंगाल में पंचायतें चुनने के लिए वोट पड़ रहे हैं।”
वहीं, बंगाल कांग्रेस के अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि, ‘”सत्तारूढ़ दल टीएमसी पुलिस प्रशासन और चुनाव आयोग ने बंगाल में आतंक का राज कायम कर दिया है। उनका दावा है कि मरने वालों की संख्या 26 हो गई है और सैकड़ों लोग जो घायल हुए हैं अस्पताल में भर्ती हैं। बंगाल में राजनीतिक और चुनावी माहौल हिंसा से भरा हुआ है। यह लोकतंत्र का मखौल और पंचायत चुनावों का मखौल के अलावा और कुछ नहीं है। यह चुनावी लूट-खसोट का एक शानदार उदाहरण है। पश्चिम बंगाल राज्य चुनाव आयुक्त राजीव सिन्हा ने कहा, “मैं बंगाल के मतदाताओं से कहना चाहता हूं कि वे मतदान केंद्र पर जाएं और अपने लोकतांत्रिक अधिकारों का प्रयोग करें।”
बता दें कि आज पश्चिम बंगाल में पंचायत चनाव हुए। प्रदेश में पंचायत के 74 हजार सीटों के लिए वोट डाले गए। मतदाताओं की संख्या 5 करोड़ 67 लाख है। इस चुनाव को आगामी लोकसभा चुनाव से पहले लिटमस टेस्ट के रूप में देखा जा रहा है, लेकिन जिस तरह से आज बंगाल चुनाव में हिंसा हुई है, उसे यकीनन ममता बनर्जी की सियासी महत्वाकांक्षाओं को चौपट कर दिया है। बहरहाल, अब आगामी दिनों में इस पूरे मामले में क्या कुछ कार्रवाई की जाती है। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी।